Chandigarh: कॉरपोरेट्स, उद्योग और व्यापार संघों से मिशन मोड में आर्थिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने को आगे आएं: जगदीप धनखड़
- By Vinod --
- Thursday, 07 Mar, 2024
Corporates, industries and trade associations should come forward to promote economic nationalism in
PU on the path of progress under the leadership of the first woman Vice Chancellor- चंडीगढ़I भारत के उपराष्ट्रपति एवं पीयू के चांसलर जगदीप धनखड़ ने आज लोकतंत्र के मंदिरों विधानमंडलों को राष्ट्र-विरोधी बयानों द्वारा अपवित्र किए जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की। इसे हमारे राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना का कमजोर होना करार देते हुए उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र और शासन में प्रमुख हितधारकों के रूप में युवाओं से ऐसी नापाक प्रवृत्तियों को बेअसर करने का आह्वान किया।
उक्त बाक्य पंजाब विश्वविद्यालय के 71वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति, जो विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति हैं,ने कहा कि140 वर्षों से अधिक के इतिहास में उनकी पहली महिला कुलपति के तहत, पंजाब विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर है।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि विशेषाधिकार प्राप्त वंशावली कानून के समक्ष समानता की निष्पक्ष न्यायसंगत प्रवर्तनीयता के साथ समाप्त हो गई है। उपराष्ट्रपति ने उस स्तर के खेल के मैदान के लिए अपनी सराहना व्यक्त की जो आज युवाओं के लिए उपलब्ध है, संरक्षण, पक्षपात और भाई-भतीजावाद के दु:स्वप्न से मुक्त।
विघटनकारी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र सहित उभरते विचारों की ओर छात्रों का ध्यान आकर्षित करते हुए चांसलर जगदीप धनखड़ ने सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता पर अत्यधिक जोर देने वाले साइलो को खत्म करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा की शक्ति और प्रोफ़ाइल की सराहना की जानी चाहिए और उसे संतुलित किया जाना चाहिए।
आर्थिक राष्ट्रवाद को विकास के लिए मौलिक रूप से मौलिक बताते हुए कहा कि स्वदेशी उत्पादों की कीमत पर टाले जा सकने वाले आयात में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। यह देखते हुए कि राजकोषीय लाभ कभी भी आर्थिक राष्ट्रवाद से समझौता करने का उचित आधार नहीं हो सकता। उन्होंने कॉरपोरेट्स, उद्योग और व्यापार संघों से मिशन मोड में आर्थिक राष्ट्रवाद का पोषण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि देश में कारपोरेट सैक्टर, व्यावसायिक केंद्र व शोध संस्थान चाहे तो स्वयं ही एेसी तकनीक एवं उत्पादों को तैयार कर सकते हैं जिन्हें हम दूसरे देशों से मंगवाते हैं। देश में उक्त उत्पाद व तकनीक को तैयार करने पर फोकस करें तो भारत को कोई भी देश सशक्त होने से नहीं रोक सकता है।
यह मानते हुए कि किसी विश्वविद्यालय की असली ताकत उसके संकाय और पूर्व छात्रों में निहित है। उपराष्ट्रपति ने पूर्व छात्रों से आगे आने और अपने अल्मा मेटर के विकास में योगदान देने की अपील की। यह देखते हुए कि विकसित देशों में संस्थानों का उदय पूर्व छात्रों और कॉरपोरेट्स द्वारा संचालित है। उन्होंने कॉरपोरेट्स से नवाचार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत में शैक्षणिक संस्थानों को नियंत्रित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को केवल आराम के लिए अभयारण्य बनने के बजाय विचारों का सामना करने के लिए एक संघर्षशील के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को विकसित भारत बनाने के लिए पीयू के छात्र अपने शोध कार्य से अपना ही नहीं संस्थान व देश का गौरव बढ़ाने पर काम करें। उन्होंने कहा कि पीयू में अच्छा काम हो रहा है लेकिन इसमें और ज्यादा सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज समाज के हर वर्ग को अपनी सोच को बदलने की जरूरत है और अपनी सकारात्मक सोच को देश के विकास में लगाने की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में यूनिवर्सिटी केवल इनोवेशन व रिसर्च के सेंटर होने चाहिए।
इस मौके पर बनवारीलाल पुरोहित, पंजाब के राज्यपाल; हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय; पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा; हरजोत सिंह बैंस, शिक्षा मंत्री, पंजाब; पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रेनू विग और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इससे पूर्व पीयू की वीसी ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को स्वागत किया और संस्थान की विकास रिपोर्ट पढ़ी।
पंजाब विश्वविद्यालय के 71वें दीक्षांत समारोह में पीयू के चांसलर एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत बायोटैक लिमिटेड के चेयरमैन डा. कृष्णा एन.इल्ला एवं उनकी पत्नी सुचित्रा इल्ला, जो बायोटैक की को-चेयरमैन हैं को दवाओं के निर्माण एवं बैक्सीन तैयार करने व नई इनोवेशन के लिए इन्हें डाक्टर्स आफ साइंस डिग्री से सम्मानित किया गया। इसके अलावा डा.बलराम भागर्व, जो एम्स दिल्ली में कार्डियोलाजिस्ट के साथ नई तकनीक को इनोवेट करने के चलते उन्हें उपराष्ट्रपति ने डाक्टर आफ साइंस अवार्ड से सम्मानित किया। प्रो.उन्नत पी.पंडित को डाक्टर आफ साइंस डिग्री से सम्मानित किया गया। वहीं डा. मंजीत कौर को डाक्टर आफ साइंस, डा. जतिंद्र कुमार बजाज को पीयू ज्ञान अवार्ड से, बहादुर सिंह चौहान को पीयू खेल रतन अवार्ड से व निंदर घुघियानवी को साहित्य रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।
पीयू के दीक्षांत समारोह में डिग्री लेनेवाली महिलाओं का रहा दबदबा:
दीक्षांत समारोह के दूसरे चरण में पीयू की वीसी ने पीएचडी डिग्री धारकों के साथ हजार के करीब डिग्री धारकों को डिग्री देकर सम्मानित किया। पीयू में 71वें दीक्षांत समारोह में 413 पीएचडी धारकों में 263 लड़कियां व 150 पुरुष थे। वहीं 88 अंडरग्रेच्यूएट टॉपर्स में 62 महिलाएं व 26 पुरुष थे।357 पोस्टग्रेच्यूएट टॉपर्स में 278 महिलाएं व79 पुरुष थे। वहीं 100 गोल्ड मैडल लेने वालों में 84 महिलाएं व 16 पुरुष थे व 139 पोस्ट ग्रेच्यूएट में 105 महिलाएं व 34 पुरुष थे।