PTSD Awareness Day 2023 : 27 June को मनाया जाता है पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का दिन, जानें इस बीमारी के लक्षण और क्या है इसका इलाज ?
- By Sheena --
- Tuesday, 27 Jun, 2023
PTSD Awareness Day 2023
PTSD Awareness Day 2023 : जीवन के बदलने और काम के ओवरलोड होने से लोग आजकल स्ट्रेस का शिकार हो रहे है और साथ ही उन्हें अपने शारीरिक, मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग Dipression की बीमारी की चपेट में आ जाते है। पीटीएसडी (PTSD) यानी पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) भी इन्हीं समस्याओं में से एक है। ऐसे स्थिति में व्यक्ति को पूर्व में हुई घटनाओं पर वर्तमान में प्रतिक्रिया देता है और उसे बार-बार पुरानी बातें याद आती हैं, बुरे सपने आते हैं और किसी भी चीज में ध्यान केंद्रित करने में भी मुश्किल होती है। इस मानसिक विकार के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 27 जून को PTSD जागरूकता दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण....
क्या है PTSD?
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर या पीटीएसडी एक तरह का मानसिक विकार है, जो आमतौर पर किसी दर्दनाक घटना के बाद हानिकारक और चिंताजनक भावनाओं को जन्म देने के बाद विकसित होती है। कभी-कभी, पीटीएसडी से पीड़ित लोग घटनाओं को बार-बार याद करते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र या लिंग के व्यक्ति को हो सकती है। अगर यह स्थिति महीनों और वर्षों तक बनी रहती है, तो यह जीवन, काम और यहां तक कि रिश्तों में भी बाधा डाल सकती है।
पीटीएसडी के लक्षण
1. किसी दर्दनाक घटना की बुरी यादें
2. बुरे सपने
3. चिंता, भय, संदेह या चिंता की भावना
4. युद्ध, मृत्यु या हत्या के विचार
5. भावनात्मक रूप से अलग-थलग होने की भावना
6. जिन चीज़ों में आनंद आता था, उनमें रुचि खोना
7. उत्तेजित, तनावग्रस्त या आसानी से चौंक जाने की भावना
8. क्रोध या चिड़चिड़ापन
पीटीएसडी का कारण
पीटीएसडी मुख्य रूप से अतीत में हुई किसी घटना का परिणाम होता है। किसी प्राकृतिक आपदा, हमले, युद्ध, गंभीर दुर्घटना आदि का दिमाग पर गहरा असर होने की वजह से प्यक्ति पीटीएसडी का शिकार हो सकता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि ऐसी किसी दुर्घटना के चश्मदीद रहे हर व्यक्ति को पीएसडी होता है।
पीटीएसडी का इलाज
पीटीएसडी के पीड़ित व्यक्ति का इलाज करने के लिए ट्रिगर करने वाली घटनाओं को कंट्रोल करने की कोशिश भी की जाती है। इसके अलावा मनोचिकित्सा और दवाओं की मदद से भी इसका इलाज किया जाता है। पीटीएसडी के इलाज में निम्न थैरेपी फायदेमंद होती हैं।
1. कॉग्नेटिव बिहैवियर थेरेपी- इस थैरेपी की मदद से पीड़ित व्यक्ति के अंदर मौजूद नकारात्मक सोच, बुरे सपनों, डर और बुरी यादों को दूर करने की कोशिश की जाती है।
2. एक्सपोजर थैरेपी- इस थैरेपी के जरिए अतीत में हुई किसी दुर्घटना या बुरे सपने के बारे में जानकर इसके आधार पर इलाज की आगे की रूप-रेखा तैयार की जाती है।
3. फेमिली थैरेपी- कई बार पीटीएसडी से ग्रसित व्यक्ति के जीवन में मौजूद परेशानी की वजह से उनके परिवार के लोग प्रभावित होने लगते हैं। इस स्थिति में फेमिली थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।