डिसएबल और सीनियर सिटीजंस का बीते साल से भी कम प्रोविजन: गर्ग
- By Vinod --
- Monday, 03 Feb, 2025
Provision for disabled and senior citizens is less than last year
Provision for disabled and senior citizens is less than last year- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ प्रशासन के बजट में इस मर्तबा डिसएबल और सीनियर सिटीजंस का पिछले साल से भी कम प्रोविजन किया गया है। उन्हें बजट एलोकेशन कम की गई है। यह तीन साल से लगातार 2023-24 और 25 तीनों साथ में लगातार यह जो बजट है वह कम होता जा रहा है। चंडीगढ़ के वरिष्ठ जनों के लिये काम कर रही एसोसिएशनों के मुताबिक इन्फ्लेशन के हिसाब से और बढ़ती जरूरत केहिसाब से बजट बढ़ाना चाहिए लेकिन यहां पर उल्टा हो रहा है।
बजट बढ़ाने की बजाय यहां बजट कम हो रहा है। वर्ष 2023 में वूमेन एंड चाइल्ड विभाग के लिए 47.34 करोड़ रुपए रखे गए थे। वर्ष 2024-25 में यह घटकर 40. 61 करोड रुपए रह गए। हैरानी की बात यह है कि इस साल के बजट में यह महज 35.04 करोड़ रह गए। यानि की 3 साल में यह जो राशि है इनका 12 करोड़ रुपए घट गया। इनफ्लेशन की बात करें तो रुपये की कीमत बढ़ी नहीं बल्कि घटी ही है।
सैकेंड इनिंग एसोसिएशन के प्रधान आरके गर्ग ने इस बाबत प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को लिखा है। उन्होंने कहा है कि उनका कंसर्न वेलफेयर आफ डिफरेंटली एबल्ड सीनियर सिटीजंस है। उनके लिए 2023 में 26.31 करोड़ रखा गया था जो की 2024 के साल में 20.25 करोड़ रह गया। इस साल यह बजट 19.85 करोड रुपए आ गया। यह दो-तीन साल के अंदर अंदर 26 करोड़ से घटकर 20 करोड़ रह गया। मतलब तीन साल में 6 करोड़ घट गए।
आरके गर्ग के मुताबिक डिसएबल और डिफरेंटली एब्लड के लिये तो यह दुगना होना चाहिये था लेकिन इसके उल्ट बड़ी राशि इसमें से घटा दी गई। आरके गर्ग के मुताबिक बजट की डिमांड भेजने वालों ने शायद इन श्रेणी की ठीक से पैरवी नहीं की अन्यथा बजट घटने की बजाये बढ़ता। उन्होंन मांग की कि वूमेन चिल्ड्रन डिसएबल और सीनियर सिटीजंस की सारे सेगमेंट के लिए एक अलग से अच्छा बजट रखा जाए ताकि उनकी जो ज़रूरतें हैं उनकी उनके लिए जो भी बिल्डिंग बनानी है या इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएट करना है उनका कोई और बेनिफिट्स देने हैं तो वह बेनिफिट्स ठीक तरीके से सरकार की पॉलिसी के हिसाब से सबको मिलते रहें। उन्होंने प्रशासक से अपील की है कि वह अपने चंडीगढ़ के बजट में से कुछ पैसे इस श्रेणी के लिये जरूर बढ़ायें ताकि पिछले चार-पांच साल का जो काम है वह न रोकना पड़े। उन्होंने उम्मीद जताई कि चंडीगढ़ प्रशासन इस बात को सुनेगा।