Project started in Amritsar to brighten the lives of Basmati growers

बासमती उत्पादकों की ज़िंदगी महकाने के लिए अमृतसर में प्रोजैक्ट शुरू

Project started in Amritsar to brighten the lives of Basmati growers

Project started in Amritsar to brighten the lives of Basmati growers

Project started in Amritsar to brighten the lives of Basmati growers- चंडीगढ़I मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य में जैविक खेती को उत्साहित करने के लिए दिए न्योते के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर जिले के चोगावां ब्लॉक में रसायन-रहित बासमती की काश्त के लिए एक पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया गया है। 

पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इस पायलट प्रोजैक्ट के लिए चोगावां ब्लॉक का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि यह क्षेत्र रावी दरिया के नज़दीक पड़ता है और यहाँ की जलवायु बढ़िया सुगंध वाली और निर्यात गुणवत्ता वाली बासमती की उपज के बिल्कुल अनुकूल है। 

उन्होंने कहा कि बासमती चावलों के निर्यात की बहुत संभावनाएं हैं क्योंकि इस क्षेत्र में पैदा होने वाली ज़्यादातर बासमती अरब, यूरोपियन और मध्य पूर्वी देशों को निर्यात की जाती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय बासमती 60 से अधिक देशों को निर्यात की जाती है, जिसमें से अकेले अमृतसर जिले ने पिछले साल के दौरान तकरीबन 9 हज़ार करोड़ रुपए की बासमती निर्यात की है। 

स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि पंजाब से बासमती चावलों के निर्यात की संभावना को बढ़ाने के लिए पंजाब के कृषि और किसान भलाई विभाग द्वारा किसानों को बासमती की फ़सल के लिए कीटनाशकों के उचित प्रयोग के बारे जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता मुहिम भी चलाई गई है और इसके साथ ही उनको पाबन्दीशुदा कीटनाशकों की बजाय वैकल्पिक रसायनों की उचित मात्रा में प्रयोग के बारे भी जागरूक किया जाता है। उन्होंने बताया कि 10 कीटनाशकां/ फंगीसाईडस पर बासमती की फ़सल पर प्रयोग पर पाबंदी लगाई गई है। 

कृषि मंत्री ने बताया कि चोगावां ब्लॉक में कुल 32000 हेक्टेयर क्षेत्रफल कृषियोग्य है, जिसमें से 28753 हेक्टेयर क्षेत्रफल धान की फ़सल अधीन है और 25000 हेक्टेयर क्षेत्रफल सिर्फ़ बासमती की काश्त अधीन है। उन्होंने बताया कि इस ब्लॉक के कुल 102 गाँवों में से 42 गाँवों को इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत चुना गया है। 

ज़िक्रयोग्य है कि इस ब्लॉक में पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1692 और पंजाब बासमती-7 किस्मों की मुख्य तौर पर काश्त की जाती है। 

किसानों तक पहुँच करने के लिए विशेष मुहिम

चोगावां ब्लॉक में तैनात कृषि विभाग के समूचे स्टाफ को इस प्रोजैक्ट पर लगाया गया है जिससे चुने गए गाँवों के सभी किसानों को एग्रीकल्चरल एंड प्रोसैसड फूड प्रोडक्टस एक्सपोर्ट डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (अपेडा) के ठेंउंजप. दमज पोर्टल पर आनलाइन रजिस्टर किया जा सके। कृषि विभाग द्वारा घर-घर जाकर किये सर्वेक्षण के बाद 3691 किसानों को शार्टलिस्ट किया गया है। पाबन्दीशुदा कीटनाशकों के बारे किसानों को जागरूक करने के लिए 54 से अधिक गाँव स्तरीय कैंप लगाए गए हैं। इसके इलावा कीटनाशक बेचने वाले डीलरों की दुकानों की चैकिंग करके पाबन्दीशुदा कीटनाशकों के स्टाक सम्बन्धी रिपोर्ट के लिए गई है और पाबन्दीशुदा कीटनाशकों की बिक्री न करने सम्बन्धी डीलरों को सख़्त हिदायतें भी जारी की गई हैं। पी. ए. यू., लुधियाना द्वारा तैयार किया विशेष साहित्य भी किसानों में बांटा जा रहा है। 

सुपरवाइज़र, किसान मित्र और अन्य स्टाफ को फील्ड में लगाया

चोगावां ब्लॉक में 38 किसान मित्र, तीन सुपरवाइज़र और आठ फील्ड सुपरवाइज़र नियमित तौर पर खेतों का दौरा कर रहे हैं और किसानों को रसायन-रहित बासमती की पैदावार के लिए जागरूक कर रहे हैं। समूचे स्टाफ को पी. ए. यू. के विज्ञानियों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वह किसानों का सही मार्ग दर्शन कर सकें। इसके इलावा 2500 से अधिक किसानों के वटसऐप ग्रुप भी बनाऐ गए हैं जिनके द्वारा सुझाव और जानकारी भरपूर साहित्य सांझा किया जा रहा है।