विद्यार्थियों को पूरी स्कॉलरशिप नहीं दे रहे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज
- By Vinod --
- Monday, 18 Mar, 2024
Private medical colleges are not giving full scholarship to students
Private medical colleges are not giving full scholarship to students- चंडीगढ़। हरियाणा में चल रही निजी मेडिकल कालेजों द्वारा इंटर्न और पीजी विद्यार्थियों को पूरी स्कॉलरशिप राशि नहीं दे रहे हैं। इसमें पचास प्रतिशत तक की कटौती की जा रही है। इस संबंध में कुछ विद्यार्थियों द्वारा सीएम विंडो पर शिकायत दिए जाने के बाद चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग निदेशालय ने सभी कालेजों को फटकार लगाते हुए स्टेटस रिपोर्ट मांग ली है। इस रिपोर्ट के आधार पर कालेजों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
नियम के मुताबिक स्टूडेंट्स को अधिकतम 91 हजार रुपए स्कॉलरशिप का प्रावधान है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन सिर्फ उन्हें 40 हजार रुपए महीने का ही भुगतान कर रहे हैं।
निदेशालय द्वारा एमएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, मुलाना (अंबाला), एसजीटी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बुढेरा (गुरुग्राम),आदेश मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, शाहाबाद (कुरुक्षेत्र), अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, धौज, एनसी मेडिकल कॉलेज, इसराना (पानीपत), वल्र्ड कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस, झज्जर, महर्षि मारकंडेश्वर मेडिकल कॉलेज, सादोपुर (अंबाला) और अमृता स्कूल ऑफ मेडिसिन, फरीदाबाद को स्कॉलरशिप मामले में पत्र जारी करके रिपोर्ट मांगी गई है।
डीएमईआर ने मेडिकल कॉलेजों पर अपने इंटर्न और पीजी छात्रों को स्कॉलरशिप के पेमेंट में एनएमसी और राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाली शिकायतें मिलने पर पत्र जारी किया है। नियमों के अनुसार सरकारी कॉलेज पहले वर्ष के लिए 86,170 रुपए, दूसरे वर्ष के लिए 88,781 रुपए और तीसरे वर्ष के लिए 91,392 रुपए महीने स्कॉलरशिप देने का नियम है।
निजी कॉलेज दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार द्वारा नौ अगस्त 2023 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एमडी-एमएस पाठ्यक्रम की वशेषताओं के बावजूद सभी पीजी छात्रों को सरकार द्वारा पीजी छात्रों को दिए जाने वाले वजीफे के बराबर वजीफा दिया जाएगा।
क्या है शिकायत
सीएम विंडो पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में से एक में झज्जर के राम कंवर ने आरोप लगाया कि पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक से संबद्ध तीन निजी मेडिकल कॉलेज एमडी में नामांकित अपने छात्रों को प्रति माह केवल 40,000 रुपए का भुगतान कर रहे हैं। एमएस पाठ्यक्रम, जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि से 50 प्रतिशत से भी कम था। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी बेटी को राज्य सरकार और एनएमसी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए एक निजी कॉलेज द्वारा प्रति माह 40,000 रुपए का वजीफा दिया जा रहा है।