प्रधानमंत्री द्वारा विश्वकर्मा जयंती पर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा' योजना शुरू की गई
PM Vishwakarma Scheme Launched
'पीएम विश्वकर्मा' योजना अठारह शिल्पों को कवर करेगी
'पीएम विश्वकर्मा' योजना ऐतिहासिक एवं महत्वाकांक्षी है - श्री कृष्णपाल गुर्जर
"विश्वकर्मा हमारे दैनिक जीवन की रीढ़ हैं-प्रधानमंत्री"
चंडीगढ़, 17 सितम्बर 2023: PM Vishwakarma Scheme Launched: प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना आज चंडीगढ़ में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सेक्टर 32, चंडीगढ़ में लॉन्च की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय बिजली और भारी उद्योग राज्य मंत्री, श्री कृष्ण पाल गुर्जर थे। माननीय अध्यक्ष, हरियाणा विधान सभा और विधायक, श्री ज्ञान चंद गुप्ता, चंडीगढ़ यूटी प्रशासक के सलाहकार श्री धर्मपाल और शिवालिक विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश देवीनगर ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और संबोधित किया।
प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना मूल रूप से लाभार्थियों के बीच व्यापक जागरूकता फैलाने के लिए नई दिल्ली में यशोभूमि, सेक्टर 25, द्वारका से विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर में सत्तर स्थानों पर वस्तुतः लॉन्च की गई थी। इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित अभ्यास को मजबूत और पोषित करना है। पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (value chains) के साथ एकीकृत हों।
इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय ऊर्जा और भारी उद्योग राज्य मंत्री, श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना से न केवल लाखों विश्वकर्माओं को लाभ होगा, बल्कि इन पारंपरिक कारीगरों की प्रतिभा भी अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में आएगी।ये अपने हाथों से काम करने वाले कारीगर अब कम ब्याज पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं और सम्मानजनक तरीके से काम कर सकते हैं। उनके शिल्प कौशल को न केवल स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि उन्हें अधिक पहचान मिल सके।
पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निःशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण सहित कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5% की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी।
यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। अठारह पारंपरिक शिल्प; जैसे बढ़ई, नाव बनाने वाला, अस्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाला, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची (जूता बनाने वाला/फुटवियर कारीगर), मेसन (राजमिस्त्री), टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना कारीगर (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला, को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कवर किया जाएगा।
इस अवसर पर एमएसएमई-डीएफओ, लुधियाना के आईईडीएस श्री दीपक चेची भी उपस्थित थे। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय पीएम विश्वकर्मा योजना का नोडल मंत्रालय है। योजना के तहत नियोजित कई कार्यान्वयन गतिविधियों में लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के लिए उन्हें जुटाना, उन्हें वैल्यू चेन (मूल्य-श्रृंखला) में आगे बढ़ने में सक्षम बनाने के लिए ऋण सहायता, विपणन सहायता आदि की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
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