सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अनिल मसीह का VIDEO; चंडीगढ़ मेयर चुनाव में फर्जीवाड़े के आरोप पर जवाब देंगे, CJI ने जमकर फटकारा था
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Presiding Officer Anil Masih Chandigarh Mayor Election Supreme Court
Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में फर्जीवाड़े को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई होनी है। आज की सुनवाई काफी अहम है और इस पर सबकी नजर है। सुप्रीम कोर्ट से आज कोई फैसला आ सकता है। 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह आज व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हो रहे हैं। अनिल मसीह सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं और वह मेयर चुनाव में फर्जीवाड़े के आरोप पर जवाब देंगे।
5 फरवरी को CJI ने लगाई थी फटकार
इससे पहले 5 फरवरी को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह को व्यक्तिगत पेश होने का आदेश दिया था। सीजेआई ने मेयर चुनाव में गड़बड़ी के संबंध में पेश वीडियो को देखते हुए पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी। माना जा रहा है कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर कार्रवाई हो सकती है। वहीं सुनवाई से पहले ही बीजेपी के मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया है। जहां मेयर पद खाली होने से यह तय माना जा रहा है कि चंडीगढ़ में मेयर चुनाव दोबारा होगा। दोबारा चुनाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ सकता है।
मेयर चुनाव दोबारा हुआ तो फिर बनेगा BJP मेयर!
एक तरफ मनोज सोनकर के मेयर पद से इस्तीफा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वार्ड नंबर-16 की पार्षद पूनम, वार्ड नंबर-19 की नेहा और वार्ड नंबर-20 के गुरचरणदास काला ने दिल्ली में BJP के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े और अरुण सूद की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा। इन पार्षदो के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा पहले से ही थी। बीजेपी के पास अब पार्षदों की कुल संख्या 17 हो गई है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा होने की इस स्थिति में स्पष्ट रूप से बीजेपी के पास बहुमत होगा। बीजेपी के 17 पार्षदों के वोटों के साथ एक सांसद और एक अकाली दल का वोट भी अलग से होगा। यानि बीजेपी के पास कुल वोट 19। जबकि इस स्थिति में आप के पास पार्षदों की संख्या केवल 10 रह गई है और इस तरह आप-कांग्रेस गठबंधन के पास कुल वोट (10+7) होंगे 17।
AAP ने कहा- 8 इनवैलिड वोट वैलिड किए जायें
आप नेता प्रेम गर्ग ने कहा कि मेयर जैसे चुनाव के लिए भी बीजेपी को ऑपरेशन लोटस को अंजाम देना पड़ रहा है। यह वाकई शर्म की बात है। माननीय सुप्रीम कोर्ट को सत्ताधारी दल द्वारा अपने धन के थैलों का उपयोग करके इस खरीद-फरोख्त का अवश्य संज्ञान लेना चाहिए। गर्ग ने कहा सुप्रीम कोर्ट से हमारी मांग है कि अनिल मसीह द्वारा धोखे से अवैध घोषित किए गए सभी 8 इनवैलिड वोट वैलिड माने जाएं और आप के उम्मीदवार को मेयर घोषित किया जाए। साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट को दल-बदल विरोधी कानून लागू करने की दृढ़ता से सिफारिश करनी चाहिए। जहां चुनाव पार्टी प्रतीकों पर होते हैं। गर्ग ने कहा मेयर का चुनाव अब हाथ उठाकर होना चाहिए।
पीठासीन अधिकारी ने 8 वोट इनवैलिड कर दिए
दरअसल, पूरा मामला 8 वोट इनवैलिड किए जाने से जुड़ा हुआ है। 30 जनवरी को मेयर चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आप-कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड कर दिए थे। जिसके बाद आप-कांग्रेस ने जमकर हंगामा काटा था और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने फैसला देने में देरी की तो इसके बाद आम आदमी पार्टी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। आप-कांग्रेस गठबंधन का आरोप है कि, पीठासीन अधिकारी ने बीजेपी को जिताने के लिए उसके 8 वोट अवैध तरीके से इनवैलिड किए। क्योंकि बीजेपी को पता था कि गठबंधन के पास बहुमत है और जिसके चलते उसकी हार हो जाती।
पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होने खुद गठबंधन के वोटों पर पेन से निशान लगाए और वोट खराब किए। बता दें कि, मेयर चुनाव में पूरी वोटिंग प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी। आप-कांग्रेस ने वोटों से छेड़छाड़ करते हुए अनिल मसीह के अलग-अलग वीडियो भी जारी किए हैं। आप-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से याचिका में मांग की गई है कि मेयर चुनाव में बीजेपी और पीठासीन अधिकारी के फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त एक्शन हो और इस मेयर चुनाव को तत्काल अमान्य घोषित किया जाये।