श्रीलंका आर्थिक संकट: राष्ट्रपति राजपक्षे ने नई वित्तीय टीम बनाई, हालात सुधारने के लिए तीसरी बड़ी कोशिश
श्रीलंका आर्थिक संकट: राष्ट्रपति राजपक्षे ने नई वित्तीय टीम बनाई, हालात सुधारने के लिए तीसरी बड़ी को
कोलंबो। श्रीलंका के आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। रोज मरा की चीजों के दाम भी अब आसमान छू रहे हैं, वहीं लोग भी इसके विरोध में सड़कों पर आ गए हैं। इसी के मद्देनजर आज राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बहुपक्षीय जुड़ाव और ऋण स्थिरता पर राष्ट्रपति सलाहकार समूह के सदस्यों के रूप में आर्थिक और वित्तीय विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है। ये टीम देश में फैली महंगाई को रोकने और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने को लेकर सुझाव देगी।
आर्थिक हालात खराब, महंगाई चरम पर पहुंची
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी के कारण श्रीलंका में महंगाई चरम पर आ गई है। देश में तेल के दामों ने आसमान छू लिया है, जिसके चलते खाने पीने के सामान भी खासे महंगे हो गए हैं। वहीं देशभर में लगभग 13 घंटे तक बिजली कटोती हो रही है जिससे लोग भी परेशानी की डबल आफत झेल रहे हैं और उद्योग भी काफी घाटा खा रहे हैं।
देशभर में हो रहे प्रदर्शन
बता दें कि एक तरफ पड़ोसी देश के राष्ट्रपति अपनी सरकार बचाने में जुटे हैं और दूसरी तरफ वहां उनके खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी के चलते गोटाबाया ने देश में आपातकाल भी लागू कर दिया था जिसे बाद में हटा लिया गया था। गौरतलब है कि गोटबाया की कुर्सी भी अब खतरे में है क्योंकि उनके कई गठबंधन साथियों समेत कई सांसदों ने अपना समर्थन भी वापिस ले लिया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार अब अल्पमत में है और राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग की जा रही है।
भारत ने की बड़ी मदद
श्रीलंका की खराब हालात को देखते हुए भारत सरकार ने वहां की जनता के लिए अपना हाथ बढ़ाया है। भारत सरकार ने इसके लिए 250 करोड़ से ज्यादा की मदद दी है और तेल की कई खेप पहुंचाई है। इसके चलते पड़ोसी देश में भारत सरकार की काफी तारीफ हो रही है।