अरे गजब! महाकुंभ में कचौड़ी की दुकान 92 लाख की; मेला क्षेत्र की सबसे महंगी दुकान, जमीन सिर्फ इतनी सी, कचौड़ी की एक प्लेट 40 रुपये
Prayagraj Mahakumbh Kachori Shop 92 Lakhs Tender Price Sangam Mela
Mahakumbh Kachori Shop Price: कचौड़ी की दुकान के लिए 30 बाई 30 फीट की जमीन का रेट आपके हिसाब से कितना हो सकता है। ज्यादा से ज्यादा 5 से 10 लाख रुपये या मोटे तौर पर 20 लाख तक मान लीजिए। लेकिन अगर कीमत 92 लाख कही जाए यानि करीब-करीब 1 करोड़ तो आप क्या सोचेंगे? फिलहाल, आप कुछ मत सोचिए। दरअसल, प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में कचौड़ी की एक दुकान के लिए जमीन का टेंडर 92 लाख रूपये में हुआ है।
महाकुंभ मेला क्षेत्र की यह सबसे महंगी दुकान बताई जा रही है। जिसकी कीमत जान लोगों के भी होश उड़े हुए हैं। दरअसल, महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों लोगों को देखते हुए व्यापारियों ने संगम के पास मेला क्षेत्र में दुकानों के लिए जमीन की जुगत लगाई। उधर प्रशासन ने दुकानों के लिए जमीन के आवंटन में आसमान छूने वाले रेट तय किए। हालांकि, करोड़ों लोगों के आने और अच्छी कीमत वसूल हो जाने की उम्मीद में व्यापारी भी पीछे नहीं हटे और दुकानों के लिए लाखों-लाखों रूपये की बोली लगाकर जमीन किराए पर ले ली।
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कचौड़ी की दुकान के लिए 30 बाई 30 फीट की
प्रशासन ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में दुकानों के लिए जमीन आवंटित करने की प्रक्रिया महाकुंभ शुरू होने के बहुत पहले शुरू कर दी थी। यहां पर दुकानें लगाने के लिए आवंटित होने वाली जमीन की कीमत कई-कई लाख में रखी गई। उन्हें दुकानों में इस कचौड़ी की दुकान के टेंडर में 92 लाख में हुआ। कचौड़ी की यह दुकान 30 X 30 फीट की है। लेकिन करीब 900 स्क्वायर फीट की दुकान का रेट 92 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। दुकान का नाम है महाराज कचौड़ी और प्रसाद भोग। इस दुकान की जमीन त्रिवेणी संगम के पास ही रोड किनारे स्थित है।
ऐसे में प्राइम लोकेशन के चलते जमीन की प्राइज़ दर काफी महंगी है। बताया जाता है कि, संगम किनारे दुकानों की निर्धारित जमीन के लिए रेट सबसे अधिक है। महाकुंभ में लगनी वाली कई दुकानों पर महाकुंभ के लगभग डेढ़ महीने ही भीड़ ही भीड़ रहेगी। मगर 92 लाख वाली कचौड़ी की यह दुकान सिर्फ डेढ़ महीने के लिए नहीं है। महाराज कचौड़ी और प्रसाद भोग दुकान का टेंडर पूरे एक साल के लिए है। यानि 12 महीनों तक संगम के पास यह दुकान चलती रहेगी। बाकी कई दुकानों की टेंडर सिर्फ महाकुंभ मेला तक की है।
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70 लाख रखी गई थी शुरुवाती बोली?
दुकान संचालक पंकज मिश्रा ने बताया कि, प्रशासन ने जमीन की वैल्यू के हिसाब से नीलामी के लिए बेस प्राइज़ रखा था। प्रशासन ने 70 लाख रुपये बेस प्राइज़ रखा था। इसके बाद जब बोली लगी तो सबसे हाई प्राइज़ की बोली 92 लाख की थी। जो कि उनकी थी। उनका कहना है कि, प्रशासन संगम इलाके में सामान्य मेले के दौरान कुछ और प्राइज़ तय करता है, वहीं अर्ध कुम्भ और महाकुम्भ के दौरान जमीन की कीमत अलग तय की जाती है।
पंकज मिश्रा ने कहा कि, इस बार जो दुकान की कीमत बढ़ी है वो महाकुंभ के चलते ही बढ़ी है। जब संचालक से पूछा गया कि, इतना पैसा टेंडर लेने में लगा दिया है, ये पैसा निकाल पाएंगे। तो उन्होंने कहा कि, मेहनत तो करनी ही पड़ेगी। लेकिन मां गंगा मैया की कृपा से जो होगा सो होगा। फिलहाल जिस हिसाब से महाकुंभ में 40 से 50 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है, उससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि दुकानों की कमाई भी टेंडर रेट से कई गुना हो सकती है।
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कचौड़ी की एक प्लेट 40 रुपये की
महाकुंभ में कचौड़ी की यह दुकान भले ही 92 लाख की हो लेकिन दुकान पर कचौड़ी की एक प्लेट की कीमत 30 से 40 रुपये ही रखी गई है। पंकज मिश्रा का कहना है कि, भले ही दुकान का टेंडर 92 लाख का है लेकिन वह सामग्रियों के दाम बहुत ज्यादा नहीं बढ़ाएंगे। वे कहते हैं कि कचौड़ी और लड्डू बनाने का काम पहले से करते रहे हैं। फिलहाल, कुंभ में कचौड़ी की यह दुकान खास चर्चा में है।
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लड्डू की दुकान 75 लाख की
कचौड़ी की इस दुकान के साथ जहां कई दुकानें महाकुंभ मेला क्षेत्र में सजी हुईं हैं तो वहीं बताया जाता है कि, कचौड़ी की इस दुकान के अलावा एक लड्डू की दुकान का भी महाकुंभ में काफी महंगा टेंडर हुआ है। इस जमीन का आवंटन किराया 75 लाख रुपये रखा गया था। वहीं लेटे हुए हनुमान मंदिर पर इस बार लड्डू की दुकानों के लिए जमीन के आवंटन रेट में बड़ा इजाफा हुआ है। फिलहाल, महाकुंभ में लाखों रुपये में दुकानों के लिए प्रशासन ने जगह दी है।