भगवान श्री महावीर जैन श्वेतांबर मंदिर में प्रतिष्ठा व संक्रांति महोत्सव 13 फरवरी को

भगवान श्री महावीर जैन श्वेतांबर मंदिर में प्रतिष्ठा व संक्रांति महोत्सव 13 फरवरी को

Pratishtha and Sankranti festival in Bhagwan Shri Mahavir Jain Shwetambar temple

Pratishtha and Sankranti festival in Bhagwan Shri Mahavir Jain Shwetambar temple

चंडीगढ़: Pratishtha and Sankranti festival in Bhagwan Shri Mahavir Jain Shwetambar temple: जैन धर्म के प्रति कम जानकारी रखने वाले मानते हैं कि जैन समुदाय धड़ो में बंटा हुआ है। लेकिन वास्तविकता यह है कि दोनों का मकसद एक ही है, आदि देव की पूजा करना और मानव मात्र का धर्म के रास्ते पर चलते हुए कल्याण करना। यह प्रवचन गुरु आत्म-वल्लभ समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति श्रुतभास्कर जैनाचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहे।

Pratishtha and Sankranti festival in Bhagwan Shri Mahavir Jain Shwetambar temple

श्री आत्मानंद जैन सभा की ओर से भगवान श्री महावीर जैन श्वेतांबर मंदिर, सेक्टर 28 में प्रतिष्ठा व संक्रांति महोत्सव में विशेष रूप से पधारे आत्म-वल्लभ समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति श्रुतभास्कर जैनाचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी के सान्निध्य में मनाया जा रहा है। 10 से 14 फरवरी तक मनाए जा रहे प्रतिष्ठा व संक्रांति महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए जैनाचार्य श्री विजय धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी ने बताया कि जैन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्म में एक है। जैन धर्म का मूल उद्देश्य मानव मात्र का सर्वांगीण विकास है। वह आज अपने गुरु की प्रतिष्ठा हेतु चंडीगढ़ जैन मंदिर में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि गुरु प्रतिमा-प्रतिष्ठा के साथ-साथ दुनिया में व्याप्त युद्ध के माहौल को देखते हुए विश्व शांति हेतु भी ईश्वर के समक्ष प्रार्थना की जाएगी, ताकि लोगों में डर और भय का माहौल न बने। गुरु जी ने बताया कि पर्याप्त मंत्र उच्चारण के बाद प्रण प्रतिष्ठा की जाती है यह अपने गुरु, धर्म और समाज के प्रति एक समर्पण भावना है। गुरुजी ने बताया हिंदू मुस्लिम सिख इसाई धर्म बेशक सब अलग अलग हैं, लेकिन सभी अपने-अपने तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन रास्ता सबका एक ही है।  आत्मा का परमात्मा से मिलन का। सभी धर्म हमें अमन चैन और मिलजुल और आपस मे प्यार मोहब्बत से रहना सिखाते हैं। गुरुजी ने यह भी बताया 144 साल बाद जो प्रयाग में महाकुंभ लगने जा रहा है यहां पर बड़े-बड़े साधु संत पहुंचे हुए हैं यह भी एक संदेश देता है कि हमें एक दूसरे के प्रति संवेदना और प्यार की भावना रखनी चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ हिंदुओं को धर्म के प्रति जोड़ने का एक बहुत ही अच्छा प्रयास है। 

Pratishtha and Sankranti festival in Bhagwan Shri Mahavir Jain Shwetambar temple

इस अवसर पर श्री आत्मानंद जैन सभा के प्रेसिडेंट सुशील जैन और महामंत्री प्रदीप जैन ने बताया कि 13 फरवरी को आयोजित महोत्सव में चंडीगढ़ के प्रशासक माननीय गुलाब चंद कटारिया सहित पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट के जज साहिबान और काफी संख्या मे गणमान्य शख्सियत शामिल होंगी और गुरु जी आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।