सकारात्मक दृष्टिकोण विद्यार्थियों को उनकी लक्ष्य प्राप्ति की ओर निरंतर अग्रसर विद्यालय डी॰ए॰वी॰ संस्था
DAV Organization
DAV Organization: एक शैक्षणिक संस्थान का लक्ष्य बच्चों को उनकी पूरी क्षमता तक समग्र सीखने का अनुभव प्रदान करना होता है ।इसी दिशा में डी॰ए॰वी॰ संस्था भारत का सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान है ।स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना करके शिक्षा के प्रसार के लिए दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज ट्रस्ट तथा प्रबंधन समिति की स्थापना की और पहला डी॰ए॰वी॰ विद्यालय लाहौर में 1886 में खोला । महात्मा हंसराज इसके अवैतनिक प्रधानाचार्य बने ।
इसी श्रृंखला में डी॰ए॰वी॰विद्यालय (सी.सै.) वैदिक आध्यात्मिक उपदेष्टा स्वामी दयानन्द सरस्वती के विचारों से ओतप्रोत एक सर्वश्रेष्ठ संस्था है जो 1 फ़रवरी 1984 में पच्चीस विद्यार्थियों एवं दो स्टाफ़ सदस्यों के साथ नारायणगढ़ क्षेत्र में प्रारंभ हुई और वर्तमान में भी निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है ।विद्यालय का गौरव इसकी उच्च स्तरीय शिक्षा प्रणाली है । विद्यालय का परिवेश भारतीय संस्कृति ,वैदिक शिक्षा और पाश्चात्य तकनीकी का सम्मिश्रण है ।
विद्यालय का सकारात्मक दृष्टिकोण विद्यार्थियों को उनकी लक्ष्य प्राप्ति की ओर निरंतर अग्रसर करता है । यहाँ ‘शिक्षा’पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न सहगतिविधियों पर आधारित है ।विद्यालय के परीक्षा परिणाम न केवल नारायणगढ़ क्षेत्र वरन अन्य क्षेत्रों में भी सर्वोत्तम रहे हैं ।
विद्यालय का ध्येय उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना है जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो ।विद्यालय के पूर्व छात्र आज देश -विदेशों में उच्च पदों पर आसीन हैं ।केवल डी॰ए॰वी॰विद्यालय ही बच्चों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहाँ उनका भौतिक ,मानसिक ,बौद्धिक एवं शारीरिक विकास होता है । विद्यालय के भविष्य की योजनाओं में विद्यार्थियों को रोबोटिक लैब ,व्यावसायिक पाठयक्रम, खेलों एवं चिकित्सा संबंधी उच्च सुविधाएँ और बेहतरीन कक्षा कक्ष रहेंगे । खेलों के क्षेत्र में विद्यार्थियों ने देश-विदेश में विद्यालय व क्षेत्र का नाम रोशन किया है ।उच्च शिक्षित और अनुभवी शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन में विद्यार्थी प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी हैं। डी॰ए॰वी॰, नारायणगढ़ भविष्य में भी उच्चतम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वचनबद्ध है ।
डॉ. आर.पी. राठी
प्रधानाचार्य
डीएवी पब्लिक स्कूल नारायणगढ़
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