पोरस दा पंजाब ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर महंत रविकांत मुनि उदासीन को उतारा प्रत्याशी
Lok Sabha Elections 2024
हिंदुओं की समृद्धि और उनका गौरव लौटाना, गौहत्या रुकवाना, मठ मंदिर की मुक्ति के लिये देशभर में अभियान चलाना मकसद
-चंडी की धरती चंडीगढ़ में कोई भूखा न सोए, यह है महंत रविकांत का मकसद,
चंडीगढ़, 27 मई (साजन शर्मा) Lok Sabha Elections 2024: पोरस दा पंजाब पार्टी ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिये महंत रविकांत मुनि उदासीन को प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। मंदिर तालाब पटियाला में ये महंत पीठाधिकारी हैं और हिंदू वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन हैं। महंत रविकांत मुनि हिंदू समाज की बेहतरी और आर्थिक समृद्धि के लिये काम कर रहे हैं। मठ मंदिर की मुक्ति के लिये ये देशभर में अभियान चला रहे हैं। सुनने में भले ही इनका एजेंडा भाजपा की विचारधारा से मिलता-जुलता दिखे लेकिन ये भाजपा को एक राजनीतिक दल और हिंदुओं के मुद्दों से विमुख पार्टी मानते हैं। इनका कहना है कि भारत की स्वतंत्रता के बाद कोई भी पार्टी राजनीतिक गलियारों में रही हो, किसी ने गोहत्या बंद करने की दिशा में कदम नहीं उठाये। देशभर में असंख्य बूचडख़ाने चल रहे हैं। गोहत्याएं हो रही हैं। जिस गऊ को हिंदू लोग माता मानते हैं, उसे बचाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हो रहे। महंत रविकांत मुनि उदासीन ने कहा कि सरकार का काम नीतियां तैयार करना है। यानि लॉ मेकिंग, इन नीतियों का क्रियान्वयन और तीसरा इनकी मॉनीटरिंग जो ज्यूडीशियरी करती है। स्वतंत्रता के बाद से देख लो, हिंदुओं के लिए कोई कानून नहीं बना हालांकि इसे हिंदु देश की संज्ञा दी जा रही है। पोरस दा पंजाब पार्टी हिंदुओं का सम्मान लौटाने की दिशा में प्रयास कर रही है।
हर हिंदु को वो अधिकार दिलायेगी जिसके वो अधिकारी हैं लेकिन भाजपा के राजनीतिक एजेंडे की तरह नहीं बल्कि उनका गौरवशाली व समृद्ध धरोहर लौटाकर। महंत रविकांत मुनि ने पंजाब में हजारों की तादाद में आतंकवाद की भेंट चढ़े हिंदुओं की हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हिंदु या सिख की हत्या में भेदभाव नहीं हो सकता। जैसे सिखों के साथ 1984 में दंगों के दौरान सरासर गलत हुआ वैसे ही इससे पहले आतंकवादियों की गोलियों से हिंदुओं की मौतें हुई वह भी गलत थी। राष्ट्रीय पार्टियां दोनों हत्याओं में भेदभाव कर रही हैं, यह किसी भी दृष्टि से सही नहीं है। हम चाहते हैं कि अगर 1984 के दंगों में मरे सिखों को मुआवजा दिया जा रहा है या उन्हें इसकी ऐवज में जो सुविधा प्रदान की जा रही है तो यही सुविधा व मुआवजा आंतकवाद के दौरान पंजाब में मरने वाले हिंदुओं को भी मिले। रविकांत मुनि जी का कहना है कि अब फिर पंजाब में विघटनकारी ताकतें पैर पसार रही हैं जिन पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है।
केंद्र की भाजपा या पंजाब की आप सरकार इस पर अंकुश लगाने को लेकर क्या काम कर रही है, उन्हें नहीं मालूम पोरस दा पंजाब पार्टी न केवल वर्तमान पंजाब बल्कि पाकिस्तान के पंजाब और जम्मू-कश्मीर में झेलम से लेकर अपने पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों से लेकर दिल्ली में यमुना तक के क्षेत्र को एक अलग ख्याति दिलाना चाहती है। यह पोरस का पंजाब है जो विश्व विजेता सिकंदर के सामने सीना तानकर खड़ा था। लोग नहीं जानते कि यह वीर पोसर की भूमि थी। जैसे राजस्थान का नाम महाराणा प्रताप के नाम से जाना जाता है। महाराष्ट्र का नाम वीर शिवाजी के नाम से जाना जाता है तो यह पूरा क्षेत्र पोरस के नाम से जाना जाता है। महंत रविकांत मुनि उदासीन ने कहा कि अगर वह सांसद बनते हैं तो उनका लक्ष्य है कि कोई भी जन चंडी की भूमि चंडीगढ़ में भूखा न सोए, ऐसी व्यवस्था करनी है। लोगों की रोटी, कपड़ा, मकान, दवाई, शिक्षा की जरूरत पूरी हो। हिंदू समाज की आर्थिक समृद्धि की दिशा और इस कम्यूनिटी के वेलफेयर की दिशा में वह काम करेंगे।