Margashirsha Purnima

Margashirsha Purnima: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, सौभाग्य की होगी  प्राप्ति

Satyanarayan

Margashirsha Purnima

Margashirsha Purnima: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इसे अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने के साथ मां लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण (Bhagavan Satyanarayan) की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही आज सत्यनारायण की कथा सुनना भी शुभ होता है। 

सत्यनारायण (Satyanarayan) व्रत पूर्णिमा के दिन करने का विशेष महत्व है। क्योंकि ये दिन सत्यनारायण (Satyanarayan) का सबसे प्रिय दिन है। इसके साथ ही इस दिन चंद्रमा पूर्ण होता है। सत्यनारायण कथा (Satyanarayan Katha) का महत्व स्कंद पुराण में बताया गया है। नैमिषारण्य तीर्थ में सुखदेव मुनियों ने इस व्रत के बारे में ऋषियों को बताया था। उनके अनुसार जो व्यक्ति सत्यनारायण कथा (Satyanarayan Katha) कराना है वह जीवन की हर समस्या से निजात पा लेते हैं। इसके साथ ही सुख-सौभाग्य, आरोग्य, धन वैभव की प्राप्ति होती है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Marshish Purnima shubh muhoort)
 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा: 07 दिसंबर 2022

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 07 दिसंबर 2022 को सुबह 08:01 बजे से शुरू

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 08 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक

ऐसे करें भगवान सत्यनारायण की पूजा (Pooja Lord Satyanarayan like this)

* आज के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साथ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।

*  अब पूर्व दिशा की ओर आसन में बैठकर पूजा आरंभ करें।

*  एक चौकी में पीले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु या सत्यनारायण भगवान की मूर्ति या तस्वीर रखें।

* भगवान को जल अर्पित करने के साथ फूल, माला, मोली, रोली, पीला चंदन, अक्षत आदि चढ़ाएं।

*  अब पंचगव्य., सुपारी, दूर्वा आदि भी चढ़ा दें। इसके साथ ही भोग में पंचामृत के साथ अन्य मिठाई चढ़ाएं।
जल देने के साथ घी का दीपक और धूप जलाकर मंत्र आदि का पाठ कर लें।

*  मंत्र- ऊँ श्री सत्यनारायण नम:

* अब सत्यनारायण की पौराणिक कथा पढ़ लें।

* अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

* दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को किसी पंडित से सत्यनारायण की कथा करा लें।

 

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