हिमाचल में हो रहा है समोसे पर राजनीति, सीएम सुखू के लिए आर्डर किए गए 11 समोसे

हिमाचल में हो रहा है समोसे पर राजनीति, सीएम सुखू के लिए आर्डर किए गए 11 समोसे

 हिमाचल प्रदेश में समोसे पर राजनीतिक चल रही है।

Sukhvinder Singh Sukkhu: हिमाचल प्रदेश में समोसे पर राजनीतिक चल रही है। दरअसल हमीरपुर से विधायक आशीष शर्मा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के लिए लाए गए समोसे को उनके सुरक्षा कर्मियों को परोसे जाने के घटनाक्रम की सीआईडी द्वारा जांच कराए जाने को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए जानकारी दी है। तो वही आपको बता दे कि सीएम सुखविंदर सिंह सुखु के लिए ऑनलाइन 11 समोसे ऑर्डर कर मांगे गए।

 

समोसे के लिए सीआईडी जांच की मांग

दरअसल 21 अक्टूबर को शिमला के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सीआईडी मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। जहां मुख्यमंत्री के लिए लाए गए समोसे और केक उनके स्टाफ को परोस दिए गए। इसके बाद सीआईडी अधिकारियों ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट पर एक वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी में कहा गया कि यह सरकार और सीआईडी विरोधी है। इस घटना के बाद हिमाचल प्रदेश एक हंसी का पात्र बन चुका है। कई सारे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उस डब्बे में ऐसा क्या था जिसके लिए सीआईडी की जांच करनी आवश्यक है? क्या सच में उसमें समोसा ही था या फिर कुछ और।

सरकार से नाखुश है जनता

जब से यह खबर आई है की सीआईडी जांच होने वाली है हिमाचल प्रदेश सरकार पर कई प्रकार के आरोप भी लग रहे हैं। राज्य के अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि लोग सरकार से बिल्कुल खुश नहीं है। शिक्षित और बेरोजगार युवाओं के पास नौकरियां नहीं है, लेकिन सीआईडी समोसे ना परोसने की जांच जरुर कर रही है। आगे उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति भी खराब हो गई है स्कूली बच्चों सहित युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है पुनर्वास केंद्रों में भर्ती 15 से 30 वर्ष आयु वर्ग के 1770 युवाओं में से 35% चिट्टे के आदी हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई भी चिंता नहीं है।

सरकार की तरफ से भी आई टिप्पणी

तो वहीं मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने ऐसी किसी जांच की आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी का आंतरिक मामला हो सकता है जैसे की एजेंसी ने भी कहा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने खुद शुक्रवार को कहा था, कि यह जांच अधिकारियों के दुर्व्यवहार की है लेकिन मीडिया ने इसे गायब समोसे की जांच के रूप में प्रस्तुत किया और दावा किया कि भाजपा विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के बहुमत हासिल करने के बाद से कांग्रेस सरकार के खिलाफ बदनाम करने का अभियान चला रही है।