Police power is essential to prevent crime
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Editorial:अपराध की रोकथाम के लिए जरूरी है पुलिस का सक्षम होना

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Police power is essential to prevent crime

Police power is essential to prevent crime: हरियाणा में पुलिस विभाग को बेहतर बनाने की जिस प्रकार की कवायद जारी है, वह काबिले तारीफ है। प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने कानून और व्यवस्था को प्रमुख मुद्दा बनाया था। विपक्षी नेताओं ने प्रदेश को अपराध में नंबर वन करार देते हुए यहां तक घोषणा की दी थी कि उनकी सरकार आने से पहले अपराधी या तो अपराध छोड़ दें या फिर राज्य। दरअसल, ऐसा कोई भी प्रदेश या इलाका नहीं होगा, जहां अपराध न घटते हों या फिर अपराधी सोच के लोग वहां न रहते हों। लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी यह होता है कि उस राज्य की पुलिस की कार्यप्रणाली क्या हैै। अगर उसकी अप्रोच अपराधियों को अपराध करके गुजर जाने देने की है तो फिर अपराध होते ही रहेंगे।

हरियाणा के अत्यंत विकासशील राज्य है और यहां तेजी से जीवन की संभावनाएं विकसित हो रही हैं। ऐसे में अपराधियों को भी पनपने का भरपूर अवसर मिल रहा है लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में जिस प्रकार से सरकार के प्रत्येक विभाग और उसकी कार्यप्रणाली पर फोकस किया जा रहा है, उसमें अब सभी की जवाबदेही सुनिश्चित हो रही है। इसी कड़ी में पुलिस विभाग के अंदर भी बहुत बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं और अब हरियाणा पुलिस एक अनुशासित बल के रूप में सामने आ रहा है। गौरतलब है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर के नेतृत्व में हरियाणा पुलिस ने अपने आंतरिक ढांचे में यह परिवर्तन लाना शुरू किया है।

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पदभार संभालने के बाद से ही पुलिस विभाग में सुधार शुरू किया है। अब विभाग में एक नया सुधार यह आया है कि वरिष्ठ अधिकारी प्रतिदिन सुबह अधीनस्थ कर्मचारियों को उस दिन का टास्क देंगे, जिसके बारे में शाम को बताना होगा कि संबंधित कर्मचारी ने उसके संबंध में क्या किया। इसके अलावा थाना प्रभारियों की अपराध की रोकथाम में जिम्मेदारी तय करने के लिए इसके आदेश दिए गए हैं कि अपराध करने से पहले या अपराध करने के बाद जिस रास्ते से होकर गुजरेंगे, उस इलाके के थाना प्रभारियों की इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी।

दरअसल, होता यह है कि अपराधी, अपराध करके उस इलाके से भाग जाते हैं, लेकिन उस इलाके की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती। निश्चित रूप से पुलिस तंत्र अगर मजबूत होगा तो अपराधी, अपराध करने की सोचेगा  ही नहीं और अगर उसने अपराध अंजाम दे भी दिया तो वह पुलिस की मुस्तैदी की वजह से बच कर भाग नहीं सकेगा। डीजीपी ने खुद माना है कि प्रदेश में अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस के आला अधिकारियों को अनेक बार हिदायत दी गई है, लेकिन वे इस पर ढीला रवैया ही रखते आए हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सैनी की ओर से रेवाड़ी में ज्वेलर को लूटने के मामले में थाना प्रभारियों के प्रति कड़ी नाराजगी जताई गई है, जिसके बाद तीन प्रभारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। जाहिर है, यह सरकार की ओर से उठाया गया सही कदम है। पुलिस विभाग की लापरवाही की वजह से अपराध और अपराधी सिर उठाते हैं और उनके हौसले बुलंद होते हैं।

डीजीपी की ओर से यह भी हिदायत दी गई है कि जिले के एसपी कर्मियों को नए अपराधों से निपटने के कोर्स करवाएं। जाहिर है, ऐसा पुलिस के क्षमता निर्माण के लिए करना बेहद जरूरी है। नए आपराधिक कानूनों और शस्त्र संचालन के नियमित रूप से कोर्स पुलिस कर्मियों को अपराध के अनुसंधान और नए कानूनों की बारीकियों को समझने का अवसर प्रदान करेंगे। पुलिस प्रमुख की ओर से इसके भी निर्देश हैं कि एसपी स्तर के अधिकारी जिले में कारोबारियों एवं अन्य लोगों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लेते रहें।

वास्तव में भारतीय पुलिस प्रणाली आजादी के इतने लंबे वक्त के बाद भी शैशवावस्था में नजर आती है। अगर इसे और गंभीरता से कहें तो पुलिसिंग में अभी और सुधार की आवश्यकता है। एजेंसियां अपना फर्ज पूरा करती हैं, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व को इसकी परवाह नजर नहीं आती कि आखिर उसने ऐसी व्यवस्था को विकसित क्यों नहीं किया, जिसमें कोई अपराध करते हुए डरे और अगर उसने इसे अंजाम दे दिया है तो उसकी तुरंत गिरफ्तारी और उसे अदालत के सामने पेश कर दंड दिलाया जाए। जाहिर हैै, हरियाणा में अब नया दौर शुरू हो चुका है, जन उम्मीदों के बूते सत्ता में आई भाजपा सरकार को व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के प्रयास करने होंगे और यह इसी तरह के कदमों से संभव होगा। 

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