जीएसटी चोरी का मामला: पुलिस ने मामले में दोनों मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार, लंबा-चौड़ा है कारोबार
GST evasion case
GST evasion case: देश में 2600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के दोनों सरगना को सेक्टर-20 पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि दोनों फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर ठगी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि लंबे समय से वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी पर नोएडा पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) शक्ति मोहन अवस्थाीह ने बताया कि इनके साथ ही गिरोह के 32 आरोपी अब तक पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. गिरफ्त में आए दोनों आरोपी उद्यमी हैं और इनका मेटल का कारोबार है. अवस्थी ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड हरियाणा के सोनीपत निवासी अजय शर्मा एवं संजय जिंदल के तौर पर हुयी है.
हरियाणा के दो अरबपति व्यापारी गिरफ्तार
जीएसटी फर्जीवाड़ा मामले में नोएडा पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने हरियाणा के दो अरबपति व्यापारियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कथित तौर पर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये के राजस्व नुकसान की साजिश रची थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी धातु स्क्रैप के कारोबार में हैं और उन्होंने सामूहिक रूप से सरकारी खजाने को लगभग 25 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाया है.
सरकारी खजाने को राजस्व हानि
जीएसटी घोटाले के रूप में जाना जाने वाला यह मामला जून 2023 में सामने आया था और यह जाली दस्तावेजों का उपयोग करके बनाई गई हजारों फर्जी कंपनियों द्वारा दावा किए जा रहे इनपुट-टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के माध्यम से सरकारी खजाने को राजस्व हानि से संबंधित है.अधिकारियों के अनुसार, पुलिस जांच में सैकड़ों फर्जी फर्मों की संलिप्तता और उनके द्वारा लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के लेनदेन की बात सामने आई है और इस मामले में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
रैकेट का भंडाफोड़
पुलिस उपायुक्त (अपराध) शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा कि कुछ महीने पहले, नोएडा के सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन की एक टीम ने एक रैकेट का भंडाफोड़ किया और कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर लगभग 2,600 फर्जी कंपनियां चलाने के पीछे थे. उस मामले की जांच में, रैकेट के दोनों मास्टरमाइंड को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. मास्टरमाइंड अरबपति व्यवसायी हैं और उनकी पहचान संजय जिंदल और अजय शर्मा के रूप में की गई है.
छह कंपनियों का इस्तेमाल
जिंदल हरियाणा के सोनीपत जिले में स्थित एएस ब्राउनी मेटल एंड अलॉयज के नाम से एक कंपनी चलाता है. उसने धोखाधड़ी से 16.9 करोड़ रुपये की आईटीसी का दावा किया. इस राशि को बाद में प्रवर्तन एजेंसियों ने जब्त कर लिया. शर्मा ने राजस्व हानि के लिए छह कंपनियों का इस्तेमाल किया. इस मामले के सामने आने के बाद से जांच का नेतृत्व कर रहे अवस्थी ने कहा कि दोनों आरोपी अरबपति व्यवसायी हैं और उनका सोनीपत में बहुत बड़ा व्यवसाय है.
दोनों पर 25 हजार रुपए का इनाम
डीसीपी ने कहा कि जिंदल और शर्मा की नोएडा पुलिस को लंबे समय से तलाश थी और उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर प्रत्येक पर 25,000 रुपये का इनाम था. जिंदल और शर्मा इस रैकेट के मास्टरमाइंड हैं. वे फर्जी कंपनियों को चलाने और उनकी ओर से आईटीसी का दावा करने के इस धोखाधड़ी के कारोबार के वास्तविक लाभार्थी थे.
अब तक, हमने मामले के संबंध में 32 लोगों को गिरफ्तार किया है और इससे जुड़े कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि सेक्टर 20 पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (सभी जालसाजी से संबंधित) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
12 करोड़ की संपत्ति कुर्क
पिछले महीने, नोएडा पुलिस ने जीएसटी घोटाले में शामिल गिरोह के सदस्यों की लगभग 12 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें दिल्ली में कई स्थानों पर अचल संपत्ति भी शामिल थी. यह मामला जून 2023 में तब सामने आया जब ठगों ने एक पत्रकार के पैन विवरण का धोखाधड़ी से उपयोग करके फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के लिए आवेदन किया और दो फर्मों को पंजीकृत कराया, एक पंजाब में और एक महाराष्ट्र में जबकि तीसरी ऐसी कंपनियों के लिए अनुरोध किया गया था. दिल्ली में पंजीकृत होने वाली कंपनी को जीएसटी अधिकारियों ने खारिज कर दिया था.
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