सेलम में पीएम मोदी का दिखा अनोखा अंदाज 11 शक्ति अम्माओं का मंच पर किया सम्मान
- By Vinod --
- Tuesday, 19 Mar, 2024
PM Modi's unique style shown in Salem
PM Modi's unique style shown in Salem- नई दिल्ली। जहां एक तरफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के शक्ति से लड़ाई वाले बयान को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमिलनाडु के सेलम रैली में नारी शक्ति के सम्मान में अनोखा नजारा देखने को मिला।
दरअसल, पीएम मोदी ने यहां रैली को संबोधित करने से पहले मंच पर 11 शक्ति अम्माओं को सम्मानित किया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि मंच पर पीएम मोदी सभी शक्ति अम्माओं का हाथ जोडक़र अभिवादन कर रहे हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी मिशन दक्षिण पर हैं। इससे पहले उन्होंने केरल के पलक्कड़ में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में रोड शो किया था। पीएम मोदी के यहां पहुंचने पर लोगों ने भारत माता की जय और मोदी-मोदी के जयकारे भी लगाए।
पहली बार दक्षिण के रायों में पीएम मोदी के रोड शो में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ देखने को मिली। इस रोड शो के दौरान पीएम मोदी जब लोगों का अभिवादन कर रहे थे, तो लोग भावुक हो गए थे।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के सेलम में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी के शक्ति से लड़ाई वाले बयान पर फिर एक बार उनपर जमकर निशाना साधा। मंच से पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्र साक्षी हैं कि विनाश उनका होता है, जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं।
उन्होंने कहा, अभी तो चुनाव अभियान की शुरुआत हुई है। लेकिन, इंडी एलायंस के प्लान मुंबई में हुई उनकी पहली रैली में ही खुलकर सामने आ गए हैं। ये कह रहे हैं कि हिंदू धर्म की जिस शक्ति में आस्था होती है, उन्हें इस शक्ति का विनाश करना है। हिंदू धर्म में शक्ति किसे कहते हैं, ये तमिलनाडु का हर व्यक्ति जानता है।
पीएम मोदी ने कहा, इंडी एलायंस वाले लोग बार-बार, जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करते हैं। हिंदू धर्म के खिलाफ इनका हर बयान बहुत सोचा समझा हुआ होता है। आप देखिए, और किसी धर्म का अपमान डीएमके और कांग्रेस का इंडी एलायंस कभी नहीं करता, किसी और धर्म के खिलाफ इनकी जुबान से एक शब्द नहीं निकलता। लेकिन, हिंदू धर्म को गाली देने में ये एक सेकंड नहीं लगाते।
इन्होंने तमिल संस्कृति के प्रतीक पवित्र सेंगोल की संसद में स्थापना का विरोध किया।