पुराने संसद भवन में PM का आखिरी भाषण LIVE; भावुक हुए, बोले- जब मैं पहली बार सांसद बना... मोदी आज बहुत कुछ याद कर गए
PM Modi Last Speech in Old Parliament Building
PM Modi Speech in Parliament: संसद के विशेष सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में भाषण दे रहे हैं। विशेष बात यह है कि, पुराने संसद भवन में पीएम मोदी का यह आखिरी भाषण है। इसके बाद पीएम मोदी नए संसद भवन में भाषण देते नजर आएंगे। फिलहाल, पुराने संसद भवन को छोड़ने को लेकर पीएम मोदी काफी भावुक हैं। पीएम मोदी ने इस संसद भवन से जुड़े अब तक सभी छोटे-बड़े क्षणों को याद किया है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में पुराने संसद भवन की यात्रा और उस यात्रा में हिस्सेदार रहे लोगों का जिक्र किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपनी वो यात्रा भी बताई। जब वह पहली बार सांसद बने थे और इस संसद भवन पहला कदम रखा था।
पीएम मोदी ने कहा कि, मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना और पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में जब मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर अपना पहला क़दम रखा था वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर रहने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा कभी संसद में प्रवेश कर पाएगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे लोगों से इतना प्यार मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि, देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।
संसद भवन के निर्माण में हमारे लोगों का पसीना लगा
पीएम ने कहा कि, आज़ादी के पहले यह संसद भवन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आज़ादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली। यह सही है कि इस इमारत (पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेशी शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है। हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानि यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। ये भारत के लोकतंत्र की स्वर्णिम यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। जो सारी दुनिया को हमेशा यह अहसास कराता रहेगा कि भारत की रगों में लोकतंत्र का सामर्थ कितना है। मोदी ने कहा कि, संसद के इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा की बैठकें हुईं और देश के लिए एक मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाते हैं उन्होंने हमें संविधान दिया। हमारा संविधान लागू हुआ, इन 75 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ना रहा है।
कल नए संसद भवन में होगा प्रवेश
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, संसद के पहले दिन का विशेष सत्र पुराने संसद भवन में चलने के बाद अगले दिन यानी 19 सितंबर को यहां फोटो सेशन होगा, फिर 11 बजे सेंट्रल हॉल में एक समारोह होगा। उसके बाद नई संसद में प्रवेश होगा और यहाँ संसद का सत्र शुरू किया जाएगा। वहीं 20 से नई संसद में नियमित सरकारी कामकाज भी शुरू हो जाएगा।