एक और प्लेन क्रैश, 40 मिनट तक हवा में रहने के बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त
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एक और प्लेन क्रैश, 40 मिनट तक हवा में रहने के बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त, दोनों पायलट घायल

Plane Crash in Guna

Plane Crash in Guna

Plane Crash in Guna: मध्य प्रदेश के गुना में एक प्राइवेट एविएशन का दो सीटों वाला विमान दुर्घटना का शिकार हो गया है। इस हादसे में दो पायलट घायल हो गए हैं। यह हादसा दोपहर डेढ़ बजे के आसपास की बताई जा रही है। माना जा रहा है कि विमान करीब 40 मिनट तक हवा में रहने के बाद इंजन में खराबी की वजह से हादसे का शिकार हो गया है। दोनों पायलटों को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

इस प्लेन का रजिस्ट्रेशन नंबर VT-BBB है और यह यश एयर लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह सिंगल इंजन वाला 152 विमान है। यह साल 1983 में बनाया गया था। इसको पायलट और को-पायलट उड़ा रहे थे। इस तरह के विमानों का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए किया जाता है। फिलहाल मौके पर पहुंचकर पुलिस और प्रशासन ने हादसे वाली जगह को पूरी तरह से सील कर दिया है। डीजीसीए की टीम अब आकर इस विमान हादसे की जांच करेगी।

हादसे का शिकार हुआ विमान

गुना कैंट पुलिस थाने के प्रभारी दिलीप राजोरिया ने बताया राज्य के एयरस्ट्रिप पर एक टू सीटर एयरक्राफ्ट 152 अचानक हादसे का शिकार हो गया है। इस प्लेन को दो ट्रेनी पायलट लेकर टेस्ट फ्लाइट के लिए उड़े थे। करीब 40 मिनट इसकी उड़ान के बाद ही एयरक्राफ्ट परिसर में ही यह प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में जो पायलट घायल हुए हैं। वह कैप्टन वी. चंद्र ठाकुर और पायलट नागेश कुमार हैं।

इन दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया है। हादसे का शिकार होने होने वाला प्लेन कर्नाटक के बेलगावी एविएशन ट्रेनिंग इंस्ट्रीट्यूट का है। यह दोनों ही पायलट हैदराबाद के रहने वाले हैं। बेलगावी एविएशन ट्रेनिंग इंस्ट्रीट्यूट ने ही दोनों पायलट की हायरिंग की थी। एयरक्राफ्ट टेस्टिंग और मेंटेनेंस के लिए गुना की शा-शिब एकेडमी में लाया गया था।

5 महीने के अंदर दूसरा हादसा

यह हादसा गुना में कोई पहली बार नहीं है बल्कि पांच महीने के अंदर दूसरी घटना है। इससे पहले भी 6 मार्च को एक विमान गुना एरोड्रम में हादसे का शिकार हो गया था। इसमें नैंसी नाम की एक पायलट घायल हो गई थी। वहीं यह छोटा विमान कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गया था। इस घटना के बाद में गुना एरोड्रम पर मौजूद रेस्क्यू टीम ने विमान में फंसी पायलट को प्लेन से बाहर निकाला था। उस वक्त भी जो विमान क्रैश हुआ था वह भी सिंगल इंजन वाला ही था।