फिर से बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, 120 डॉलर के पार पहुंचा कच्चे तेल
फिर से बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, 120 डॉलर के पार पहुंचा कच्चे तेल
नई दिल्ली। यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने रूस से आयात किए जाने वाले कच्चे तेल पर चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिर 120 डालर प्रति बैरल के पार पहुंच गई हैं। मंगलवार को कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमतें 124.10 डालर प्रति बैरल तक पहुंची, जो 9 मार्च के बाद का उच्च स्तर है। ईयू नेताओं में रूस से आयात किए जाने वाले 90 प्रतिशत कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सहमति बनी है। यह प्रतिबंध चरणबद्ध तरीके से अगले छह महीनों में लगाया जाएगा। हालांकि, हंगरी को तेल सप्लाई करने वाली पाइपलाइन पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
हंगरी, चेक, बुल्गारिया, स्लोवाकिया, रोमानिया जैसे कई देश रूस से क्रूड खरीदने पर तत्काल रोक लगाने के पक्ष में नहीं है। ये देश कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए पूरी तरह से रूस पर निर्भर हैं। वहीं, दूसरे यूरोपीय देश भी रूस से काफी क्रूड आयात करते हैं। हालांकि, अब यूक्रेन पर हमला होने के बाद ये देश खाड़ी के देशों से और अमेरिका से ज्यादा क्रूड खरीदने लगे हैं।
वहीं, दूसरी ओर तेल कंपनियों का कहना है कि उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद उन्हें पेट्रोल व डीजल पर घाटा उठाना पड़ रहा है। बताते चलें कि 21 मई, 2022 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये और डीजल पर सात रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसकी वजह से पेट्रोल 9.5 रुपये और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है।इस पर तेल कंपनियों का कहना है कि पेट्रोल पर उन्हें 9.5 रुपये और डीजल पर 23 रुपये प्रति लीटर का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दबाव का यह कहते हुए जवाब दिया था कि भारत एक साल में जितना क्रूड रूस से खरीदता है, उतना यूरोपीय देश एक दोपहर में खरीदते हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि फरवरी 2022 के बाद भारत से रूस से ज्यादा क्रूड खरीद रहा है। पहले जहां भारत अपने कुल आयात का 1 फीसद रूस से लेता रहा है, वहीं फरवरी-मई 2022 के दौरान कुल आयात का पांच फीसद रूस से खरीदा है। रूस भारत को सस्ती दरों पर क्रूड दे रहा है।