श्रीलंका में एक दिन के लिए भी नहीं बचा है पेट्रोल-डीजल, सरकार ने कंपनियों को ईंधन आयात करने की दी अनुमति
श्रीलंका में एक दिन के लिए भी नहीं बचा है पेट्रोल-डीजल, सरकार ने कंपनियों को ईंधन आयात करने की दी अन
बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka) में इन दिनों ईंधन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. देश में स्थिति यह हो गई है कि पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel) पूरी तरह से खत्म होने वाला है. श्रीलंका में सिर्फ एक ही दिन का पेट्रोल और डीजल बचा हुआ है. ऐसे में 10 जुलाई तक सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही प्राथमिकता के आधार पर पेट्रोल (Petrol) और डीजल दिए जाने का फैसला लिया गया है. रिपोर्ट की मानें तो श्रीलंका में केवल 1100 टन पेट्रोल और 7500 टन डीजल (Diesel) ही बचा हुआ है. इतनी मात्रा एक दिन के लिए भी पर्याप्त नहीं होती है. 10 जुलाई तक सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही ईंधन देने की प्राथमिकता का ऐलान किया गया है.
श्रीलंका पिछले काफी दिनों से आर्थिक संकट की मार झेल रहा है. इन दिनों श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल की कमी को देखते हुए दोनों ही ईधन के दामों में भी बढ़ोतरी की गई है. रविवार को हुई इस बढ़ोतरी के बाद श्रीलंका में पेट्रोल 470 श्रीलंकाई रुपये और डीजल 460 श्रीलंकाई रुपये हो गया है. श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत में 50 श्रीलंकाई रुपये और डीजल की कीमतों में 60 श्रीलंकाई रुपये बढ़ाए गए हैं. पिछले दो महीनों में तीसरी बार ईंधन की कीमतें बढ़ाई गई हैं.
भुगतान करने में असमर्थ है श्रीलंका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के ईंधन विक्रेता सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के सूत्रों ने जानकारी दी है कि ऊर्जा मंत्री ने रविवार को घोषणा की है कि देश में जरूरी सेवाओं को ही पेट्रोल और डीजल देने की प्राथमिकता होगी. मंत्री की ओर से ईधन के जहाज के आयात को लेकर पिछले दिनों जानकारी दी गई थी. लेकिन अब दूसरा जहाज श्रीलंका कब पहुंचेगा, ये किसी को नहीं पता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोई भी जहाज ईंधन लादकर श्रीलंका नहीं आ रहा है. क्योंकि श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन की कीमतों का भुगतान करने में असमर्थ रहा है. ऐसे में किसी भी नए जहाज के आने की कोई संभावना नहीं है.
कंपनियों ने श्रीलंका को काली सूची में डाला
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कर्ज का भुगतान समय पर ना करने के कारण श्रीलंका को कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से काली सूची में डाल दिया गया है. कंपनियां अब श्रीलंका के लिए इंटरनेशनल गारंटी को तवज्जो दे रही हैं. वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने रविवार को कहा कि उनका देश रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने के विकल्प तलाश रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण ईंधन की भारी किल्लत का सामना कर रहे श्रीलंका के बिजली एवं ऊर्जा मंत्री कंचन विजयशेखरा ने कहा कि सरकार रूस से तेल खरीदने के विकल्प तलाश रही है. इसके लिए श्रीलंका राजनयिक माध्यमों की तलाश कर रहा है.
उन्होंने ईंधन लेकर आने वाले जहाज के आने में देरी पर कहा, श्रीलंका आने वाला पिछला जहाज एक रूसी जहाज था. हमारे पहले ऋण पत्र को अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने इसलिए खारिज कर दिया, क्योंकि उस जहाज का स्वामित्व एक रूसी कंपनी के पास था. उन्होंने कहा कि दो मंत्री ईंधन और अन्य राजनयिक मामलों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं. श्रीलंका सरकार ने पिछले हफ्ते कच्चे तेल की खरीद के लिए रूसी दूतावास द्वारा सुझाई गई कई कंपनियों से संपर्क साधा था.