हरियाणा का दंगल: प्रत्याशियों के खिलाफ मुखर हो रही प्रदेश की जनता
- By Vinod --
- Friday, 27 Sep, 2024
People of the state becoming vocal against the candidates
People of the state becoming vocal against the candidates- चंडीगढ़। हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश स्तर पर अभी तक जहां केवल नौकरियों व दलित उत्पीड़न का मुद्दा छाया हुआ है वहीं हलका स्तर पर लोग अब प्रत्याशियों से हिसाब मांग रहे हैं। प्रदेश में चुनाव प्रचार शुरू होने से लेकर अब तक करीब डेढ दर्जन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां लोगों ने प्रत्याशियों से उनके पिछले कार्यकाल के दौरान वादों पर सार्वजनिक सभाओं के दौरान हिसाब मांगा और हिसाब नहीं देने पर प्रत्याशियों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा।
जनता इस बार भाजपा व कांग्रेस को निशाना बना रहा है। जींद जिले की नरवाना सीट से भाजपा प्रत्याशी कृष्ण बेदी चुनाव प्रचार के लिए गांव कर्मगढ़ गए थे। इस दौरान यहां मौजूद लोगों ने उनसे सवाल किए और जवाब मांगा। लोगों ने भाजपा प्रत्याशी से कहा कि किसान आंदोलन में उनके समर्थन में उन्होंने कोई बात क्यों नहीं की। पार्टी से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। इससे पहले गांव भिखेवाला में भी युवाओं ने बेदी को घेरकर नौकरियों पर जवाब मांगा। प्रत्याशी समर्थकों तथा ग्रामीणों के बीच धक्का मुक्की भी हुई।
नायब सरकार में राज्य मंत्री रहे नांगल चौधरी विधानसभा से प्रत्याशी अभय सिंह यादव का अहीर बाहुल्य कोरियावास गांव में विरोध हुआ। यहां कुछ युवाओं ने उनसे सवाल पूछे। युवक प्रदीप ने कहा कि आपने किया क्या है, फिर वोट क्यों दें। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भर्तियों को रोक कर बैठ गए। जिसके कारण युवा परेशान हैं। युवक ने कहा कि दस साल जो हालात महेंद्रगढ़ के थे वही आज हैं। यहां मंत्री को माइक नहीं दिया गया।
फतेहाबाद के रतिया से भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को गांव भूथन कलां में किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। किसानों ने दुग्गल पर सांसद होते हुए उनकी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया।
टोहाना विधानसभा के गांव चंद्रावल में भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली की जनसभा में किसानों ने जमकर हंगामा हो चुका है। किसानों ने गांव की समस्याओं और पुरानी मांगों बबली से रिपोर्ट मांगी। ग्रामीणों ने पुराने मांग पत्र भी दिखाए जो बबली को विकास एवं पंचायत मंत्री रहते हुए दिए गए थे।
अटेली विधानसभा में पडऩे वाले गांव स्याणा पूर्व विधायक सीता राम को घेरकर उनके गांव की गलियों के निर्माण नहीं होने पर सवाल पूछे गए। गांव चंद्रावल में तो बबली को अपनी घोषणाएं पूरी नहीं होने पर माफी तक मांगनी पड़ी।
झज्जर में भाजपा के प्रत्याशी कप्तान बिरधाना जब विकास की बात कर रहे थे तो गांव लडायन में लोग उन्हें जनसभा से उठाकर ले गए और गांव उन गलियों में उतार दिया जहां बारिश का पानी जमा था।
विपक्षी दल कांग्रेस में भी कुछ ही ऐसे ही हालात बने हुए हैं। हिसार से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास राड़ा का सैनी समाज और सैनी न्याय संघर्ष समिति द्वारा एक ट्रस्ट के मुद्दे पर विरोध किया जा रहा है। कालका से पूर्व कांग्रेस विधायक एवं वर्तमान प्रत्याशी प्रदीप चौधरी का अवैध खनन व सडक़ निर्माण नहीं होने पर ग्रामीणों ने विरोध किया और जवाब मांगा।
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को जनसभा के दौरान उस समय विरोध का सामना करना पड़ा जब एक व्यक्ति मंच पर चढ़ गया और कहा कि हुड्डा सरकार में वादे के बावजूद उनके गांव से किसी भी युवक को नौकरी नहीं मिली है। जिस पर घोड़ला ने समूचे गांव से माफी मांगी।
जननायक जनता पार्टी के कोटे से मंत्री रहे अनूप धानक इस समय भाजपा की टिकट पर उकलाना से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वह 2014 व 2019 में भी यहां से विधायक रह चुके हैं। गांव श्याम सुख में तो ग्रामीणों ने अनूप से दस साल का रिपोर्ट कार्ड मांगा और नहीं देने पर उनकी हार को लेकर शर्त तक लगा डाली।
हरियाणा की रेवाड़ी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव का चुनावी प्रचार के दौरान विरोध हुआ। गिंदोखर गांव में कुछ युवकों ने उन्हें गांव से वापस जाने के नारे लगाए। इतना ही नहीं उनसे विकास कार्यों को लेकर तीखे सवाल भी पूछे गए। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हिसार कार्यक्रम का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक हिसार प्रत्याशी के हारने का दावा करता है और मनोहर लाल के सुरक्षा कर्मी उसे सभा से बाहर निकाल देते हैं।