People of Haryana should also demand political accountability

Editorial: हरियाणा में जनता भी मांगे राजनीतिक दलों से हिसाब  

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People of Haryana should also demand political accountability

People in Haryana should also demand accountability from political parties: हरियाणा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के महेंद्रगढ़ में हुए कार्यक्रम के बाद जिस प्रकार से राज्य का घटनाक्रम तेजी से बदला है, वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। प्रदेश में प्रमुख विपक्षी कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और उसकी ओर से जिस प्रकार से भाजपा सरकार से हिसाब मांगने का अभियान चलाया हुआ है, वह चर्चित हो रहा है। हालांकि भाजपा ने भी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के लगातार दो कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों को लेकर हिसाब मांगने का अभियान संचालित कर दिया है। दोनों ही राजनीतिक दलों की ओर से एक-दूसरे पर तीखे हमले किए जा रहे हैं। इस समय कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा मांगे हिसाब अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, हालांकि अगले माह 20 अगस्त के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा भी यात्रा भी निकल रहे हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस एवं पूर्व सीएम हुड्डा से उनके कार्यकाल का हिसाब मांगा है। कांग्रेस ने जिस प्रकार से भाजपा सरकार के खिलाफ यह अभियान शुरू किया है, वह लगातार सघन होता जा रहा है, वहीं केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने भी इसके जवाब में भाजपा को अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यानी भाजपा सरकार को भी इसका अहसास है कि कांग्रेस अपने अभियानों के जरिये जनता के मन को बदलने की चेष्टा कर रही है।   

 भाजपा पिछले दो कार्यकाल से हरियाणा में सत्ताधारी है, हालांकि लोकसभा चुनाव के परिणाम ने उसे अचंभित किया है। पार्टी कहां सभी दस सीटों पर जीत सुनिश्चित मान रही थी और कहां उसके खाते में सिर्फ पांच सीट ही आई है। वास्तव में यह सत्ताधारी पार्टी के लिए अलार्मिंग स्थिति है। यही वजह है कि पार्टी की विस्तारित प्रदेश स्तरीय बैठक में जहां चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिरकत की है, वहीं अमित शाह ने भी बहुत सी बातों का निपटारा कर दिया है। शाह की यह घोषणा प्रदेश में उस विचार को बल दे रही है, जिसमें सभी पार्टी नेता अकेले चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। इसी वजह से जजपा से विलगाव हुआ और इसी वजह से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह एवं उनके पूर्व सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह ने भाजपा को छोड़ दिया था।

महेंद्रगढ़ में रैली के दौरान शाह ने साफ तौर पर कहा था कि पार्टी हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ेगी वहीं यह चुनाव भी मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। जाहिर है, शाह प्रदेश में भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे गए हैं। लेकिन प्रदेश में भाजपा नेताओं के बीच भी खींचतान जारी है और इसका असर हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सीटों पर पड़ा है। कहा जा रहा है कि अगर पार्टी के अंदर भितरघात नहीं होती तो संभव है पार्टी को दो से तीन सीट और मिल सकती थीं। हिसार में क्या हुआ है, यह सभी जानते हैं, वहीं सिरसा में भी हार की वजह पार्टी के अंदरुनी कारण रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से भी विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने की बात कही गई है। बेशक, यह निर्णय कितना सुगम रहने वाला है, यह समय बताएगा। क्योंकि इस प्रकार की स्थिति में वे छोटे दल जोकि किसी तरफ नहीं होते, वोट काटने का काम करते हैं और जिससे पूर्ण बहुमत भी किसी पार्टी को नहीं मिल पाता। हालांकि प्रदेश में जननायक जनता पार्टी ने भाजपा से दूरी बनाते हुए अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा की हुई है।

पार्टी का यह भी कहना है कि भाजपा के साथ जाने से उसे नुकसान हुआ है। राजनीति में कब कौन किस तरफ चला जाए, कहा नहीं जा सकता, लेकिन प्रदेश में जिस प्रकार के समीकरण बन रहे हैं, वे यहां कांटे की टक्कर के आसार पैदा कर रहे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी ने भी सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस का साथ दिया था और आप को कुरुक्षेत्र की सीट भी सौंप दी थी, लेकिन पार्टी हार गई। इस बीच इनेलो और बसपा ने साथ आकर प्रदेश में नए समीकरण पैदा कर दिए हैं। दोनों दलों की ओर से मिलकर चुनाव लड़ने के ऐलान से वोट के बंटने की संभावना बढ़ गई है।

निश्चित रूप से प्रदेश में चुनावी घमासान अब और बढ़ने वाला है। अक्तूबर में राज्य में चुनाव प्रस्तावित हैं और इस बार के परिणाम प्रदेश की राजनीति और इसके भविष्य पर गहरा असर डालने वाले होंगे। इस बार के मुद्दे भी तीखे हैं, लेकिन यह जरूरी है कि प्रदेश की जनता गुमराह होने से बचे। जो सही है, केवल उसी का साथ और समर्थन करे। हालांकि यह काफी कठिन कार्य है, लेकिन प्रदेश के बेहतर भविष्य के लिए जनता को भी राजनीतिक दलों से हिसाब मांगना होगा। मौजूदा और पूर्व दलों को यह बताना होगा कि आखिर उन्होंने प्रदेश के लिए क्या खास किया। 

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