People Asking for Loan: हरियाणा पुलिस के आईजी व तीन जिलों के एसपी से लोग मांग रहे लोन
People Asking for Loan: हरियाणा पुलिस के आईजी व तीन जिलों के एसपी से लोग मांग रहे लोन
फाइनेंस कंपनी के विज्ञापन में जारी हुआ अधिकारियों का नंबर
फ्राड करने वालों के निशाने पर आए आला पुलिस अधिकारी
चंडीगढ़। People Asking for Loan: हरियाणा में तीन जिलों के पुलिस अधीक्षकों(superintendents of police) तथा एक आईजी को बार-बार लोन देने के लिए फोन कॉल आ रहे हैं। एक तरफ हरियाणा पुलिस साइबर क्राइम तथा फाइनांस के फ्राड पर काबू पाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है वहीं दूसरी पुलिस के आला अधिकारी भी निशाने पर आ गए हैं।
चारों पुलिस अफसरों के सरकारी मोबाइल नंबरों पर हरियाणा और दूसरे राज्यों के लोग लोन के लिए फोन आ रहे हैं। तीनों जिलों के एसपी और उनका स्टाफ कॉल करने वालों को बार-बार यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि यह नंबर लोन देने वाली किसी कंपनी का नहीं, बल्कि पुलिस अफसरों(police officers) के हैं।
एक समाचार पत्र द्वारा पिछले दो दिनों से सत्यम फाइनांस कंपनी का विज्ञापन छापा जा रहा है। जिसमें कर्ज देने की बात कही गई है। लोन लेने के इच्छुक लोगों को संपर्क करने के लिए इस विज्ञापन में ही हिसार रेंज के आईजी तथा सिरसा, हिसार व जींद जिले के एसपी का नंबर छापा गया है।
कंपनी ने अपने इस विज्ञापन में गरीब योजना के अंतर्गत मार्कशीट लोन(marksheet loan), संपत्ति लोन, व्यवसाय लोन, मछली पालन लोन और भूमि पर लोन का ऑफर किया है। विज्ञापन में लिखा है, 'लोन लें, कम किश्तों में, कम ब्याज में।' इसके बाद पुलिस अफसरों के मोबाइल नंबर लिखे हैं।
शनिवार सुबह से हिसार के आईजी राकेश आर्य(IG Rakesh Arya) और सिरसा, हिसार व जींद के एसपी के पास अचानक आनी शुरू हुई कॉल्स ने उनको सकते में ला दिया।
इन चारों अफसरों के सरकारी मोबाइल नंबरों पर हरियाणा और दूसरे राज्यों से लोग कॉल करके लोन के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। शुरू में तो अधिकारियों ने इसे किसी की शरारत समझी मगर जब दोपहर तक फोन कॉल्स बढऩे लगी तो जांच में पता चला कि एक समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर यह फोन किए जा रहे हैं। कोई अधिकारियों से मछली पालन तो कोई डेयरी फार्मिंग के लिए लोन मांग रहा है।
मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो पुलिस महानिदेशक पी.के. अग्रवाल(Director General of Police P.K. Agarwal) ने इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए कि समाचार पत्र में यह विज्ञापन किस आधार पर प्रकाशित हुआ है और विज्ञापन देने वाले ने यह फोन नंबर कैसे दिए हैं।