Parsvanath Royal Group Housing Society did not issue possession certificates to residents

पाश्र्वनाथ रॉयल ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी ने रेजिडेंट्स को जारी नहीं किया पोजेशन सर्टिफिकेट

Parsvanath Royal Group Housing Society did not issue possession certificates to residents

Parsvanath Royal Group Housing Society did not issue possession certificates to residents

Parsvanath Royal Group Housing Society did not issue possession certificates to residents- पंचकूला।  पार्श्वनाथ रॉयल ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी सेक्टर 20 पंचकूला के रेजिडेंट्स और अलॉटियों द्वारा पुलिस को शिकायत देकर सोसायटी की पीडीएल प्रमोटर कंपनी मैसर्स पार्श्वनाथ डेवलपर्स लिमिटेड (पीडीएल) के खिलाफ शिकायत देकर अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं।

रेजिडेंट्स का आरोप है कि फ्लैट बेचने के 5 साल बाद और निवासियों से पूरा भुगतान प्राप्त करने के बाद भी पीडीएल ने निवासियों को पोजेशन सर्टिफिकेट प्रदान नहीं किया। सेक्टर 20 थाना पुलिस की ओर से शिकायत पर कानूनी राय लिए जाने के बाद कंपनी के निदेशक, संचालक, अध्यक्ष समेत अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस द्वारा की जा रही मामले की शुरुआती जांच में रेजिडेंट्स ने आरोप लगाए कि पार्श्वनाथ रॉयल परियोजना जीएचएस 105 से 111 के पीछे सेक्टर 20 में स्थित है, जो 2006 में शुरू हुई थी और मूल रूप से 2014 में पॉजैशन की योजना बनाई गई थी।

इसमें कुल 9 टावर हैं जिनमें से प्रत्येक में 9 या 10 मंजिल हैं। प्रोजेक्ट में कुल 344 फ्लैट हैं। आवंटियों के लगभग 120 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने प्रमोटर, बिल्डर, पीडीएल या उनके विपणन सहयोगियों को पूरी राशि का भुगतान किया है। ये 120 परिवार यहां दयनीय हालात में रह रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि पीडीएल का एचआरईआरए पंजीकरण समाप्त हो गया। पीडीएल ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट, हरियाणा से लाइसेंस प्राप्त नहीं किया था। इसकी वजह यह है कि पीडीएल ने सरकारी शुल्क का भुगतान नहीं किया। निवासियों से फ्लैट का पूरा भुगतान प्राप्त करने के बाद भी पीडीएल ने परियोजना को गिरवी रख दिया गया।

उन्होंने बताया कि पीडीएल द्वारा की गई धोखाधड़ी और प्रमोटर पीडीएल द्वारा धन की हेराफेरी के कारण रेजिडेंट्स अधूरे प्रोजेक्ट में रहने को मजबूर हुए। उन्होंने पंद्रह साल पहले प्रत्येक फ्लैट 60 लाख रुपये में बेचा था, जबकि अब वे 40 लाख रुपये में बेच रहे हैं, जबकि बाजार मूल्य लगभग 100 लाख रुपये है। कंपनी अंतर राशि नकद में वसूल रहे हैं। वे उनकी सहयोगी कंपनियों के नाम पर भी फ्लैट बुक कर रहे हैं और भुगतान प्राप्त कर रहे हैं, जिससे अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए बड़ी नकदी और चेक राशि का उपयोग कर रहे हैं। पीडीएल प्रमोटर कंपनी ने 200 से अधिक फ्लैट बेचे। इन धोखाधड़ी वाले लेनदेन से प्राप्त आय 250 करोड़ से अधिक है।

ऐेसे हुए धोखाधड़ी का शिकार

पीडीएल ने फ्लैटों की बिक्री के समय निवासियों को आश्वासन दिया था कि सोसायटी में बिजली की आपूर्ति, पानी की आपूर्ति, लिफ्ट सेवा, हाउसकीपिंग, सुरक्षा आदि नियमित हैं और आंशिक व्यवसाय प्रमाण पत्र तैयार है।  पुलिस की जांच में रेजिडेंट्स के 120 परिवारों ने आरोप लगाया है कि पीडीएल ने व्यवसाय प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना और संबंधित सरकारी अधिकारियों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त किए बिना फ्लैटों पर कब्जा किया। रेजिडेंट्स ने आशंका जताई कि इस मनी ट्रेल में 250 करोड़ से अधिक का भारी लेनदेन शामिल हो सकता है।