Parents Unity for Justice exposed the loot of crores, every year 30,000 trees are being cut for books

पेरेंट्स यूनिटी फॉर जस्टिस ने करोड़ों की लूट को किया उजागर, हर वर्ष किताबों के लिए कट रहे 30,000 पेड़

Parents Unity for Justice exposed the loot of crores, every year 30,000 trees are being cut for book

Parents Unity for Justice exposed the loot of crores, every year 30,000 trees are being cut for book

चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। पेरेंट्स यूनिटी फॉर जस्टिस ने चंडीगढ़ में चल रही टेक्स्ट बुक की  करोड़ों रुपए की लूट को उजागर किया है। इनके मुताबिक हर साल यह लूट करीब 32 करोड़ रुपए है। संस्था ने स्कूल की और प्रशासन की वातावरण के लिए दोगली नीतियों का भी पर्दाफाश किया। संस्था के प्रेसिडेंट हृदय पाल सिंह व जनरल सेक्रेटरी मनीष सोनी बताया कि  प्राइवेट स्कूल अपने कमीशन के चक्कर में बहुत बहुत सारे पेड़ों को कटवा देते हैं क्योंकि एक पेड़ की एवज में 62 किताबें छपती है तो इसलिए आप उससे अंदाजा लगा सकते हो कि कितने पेड़ कटते होंगे?
 

उन्होंने बताया कि हमारे अनुमान के मुताबिक सिर्फ चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों की किताबों की वजह से करीब 30000 पेड़ों को काटा जाता है। एक बच्चे को अगर 12 किताबें लगती  है, तो चंडीगढ़ में अनुमान से 1,56,000 बच्चे हैं तो 18,72,000 किताबें इस्तेमाल करेंगे, तो इसका मतलब 1,56,000 बच्चों के लिए करीब 30193 का पेड़ों की बलि ले ली जाती हैं, जबकि अगर इन्हीं किताबों को दुबारा इस्तेमाल किया जाता तो 30000 पेड़ों को हर साल कटने से बचाया जा सकता है।
 

दूसरी तरफ यह भी देखने में आया है कि इन किताबों को हर साल बदलने का मकसद सिर्फ और सिर्फ कमीशन होता है। चंडीगढ़ में करीब 78 स्कूल हैं एक एक स्कूल में 2000 बच्चे हैं तो कुल बच्चे हो गए 1,56,000,  एक बच्चे को 7000 की किताबें लगती हैं, स्कूल का कमीशन होता है । 30प्रतिशत से लेकर 50प्रतिशत तक।  हम सिर्फ 30 प्रतिशत मान रहे हैं तो तो 7000 का 30 प्रतिशत (2100)  हो गया और 156000 & 2100 तो ये होता है ? 32,76,00000/- ( 32 करोड़ 76 लाख ) बनाता है।
 

दूसरी तरफ अभी कुछ दिनों पहले ही सभी स्कूलों ने अपने बच्चों के साथ वल्र्ड अर्थ डे का ड्रामा किया था जिसमें उन्होंने धरती को बचाने के लिए पेड़ लगाने के लिए बोला था।  ये ही इनकी दोगली नीति है,एक तरफ बच्चों को पेड़ लगाने के लिए कहते हैं दूसरी तरफ उन्हीं बच्चों से कमीशन कमाने के लिए 30 हजार के आसपास पेड़ कटवा देते। इस हिसाब सिर्फ कमीशन के लिए पूरे देश में करोड़ों पेड़ काटे जाते हैं। उन्होंने कहा कि आप एक बात और समझ सकते हैं कि इतने सारे पेड़ जब हर साल सिर्फ कमीशन के लिए कटेंगे तो  धरती पर कितनी ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ेगी और आज का टाइम  पूरी दुनिया इसी से चिंतित है कि ग्लोबल वॉर्मिंग नहीं बढऩी चाहिए। लेकिन प्राइवेट स्कूल और एजुकेशन डिपार्टमेंट का इसपर रत्ती भर भी ध्यान नहीं है।