पंचकूला के सेक्टर 4 की आंचल केंद्र सरकार की मदद से यूक्रेन से आज अपने घर कुशल पहुंची
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पंचकूला के सेक्टर 4 की आंचल केंद्र सरकार की मदद से यूक्रेन से आज अपने घर कुशल पहुंची

पंचकूला के सेक्टर 4 की आंचल केंद्र सरकार की मदद से यूक्रेन से आज अपने घर कुशल पहुंची

पंचकूला के सेक्टर 4 की आंचल केंद्र सरकार की मदद से यूक्रेन से आज अपने घर कुशल पहुंची

पंचकूला के सेक्टर 4 की रहने वाली आंचल रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के दौरान कई दिनों तक वहां फंसी रही और जान का जोखिम उठाकर केंद्र सरकार की मदद से पंचकूला की आंचल आज अपने घर से कुशल पहुंची।  यूक्रेन से पंचकूला पहुंचने पर छात्रा का उनके परिवार द्वारा जोरदार स्वागत किया गया और अपनी बेटी को देखकर परिवार के सदस्यों के चेहरे खिल गए । यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गयी छात्रा आंचल ने यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान किस प्रकार से बंकरो  में रह कर अपनी जान बचाई और किन किन परेशानियों का सामना करते हुए आज वह भारत लौटी है उसने आपबीती सुनाई। 

पंचकूला के सेक्टर 4 की रहने वाली आंचल यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गई हुई थी और जुलाई में इसकी पढ़ाई खत्म होने वाली थी लेकिन उससे पहले ही यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हो गया जिसके कारण कई दिनों तक बंकरो में छुप कर अपनी जान बचाते हुए आज आंचल अपने परिवार को मिल पाई है । केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन गंगा के तहत आंचल को दिल्ली लाया गया और वहां से उसका परिवार उसे पंचकूला लेकर आया । आंचल ने बताया कि वह यूक्रेन की राजधानी की कीव में थी और जब वह सरकार द्वारा एडवाइजरी मिली तो वह  रेलवे स्टेशन पहुंची उसने बताया कि कई घंटों की मशक्कत के बाद कीव से लवीव सिटी तक पहुंची।  सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी और सोशल मीडिया के माध्यम से आगे का सफर तय किया और उसने हंगरी के बॉर्डर से जाना सही समझा । उसने बताया कि युद्ध के दौरान बंकरो में छुपकर रहना पड़ा और उनके कई दोस्त अभी भी वहां फंसे हुए हैं उसने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपील करती है कि उनके यूक्रेन में फंसे हुए अन्य दोस्तों को भी लाने के लिए जल्दी करें।

 छात्रा आंचल के पिता ने बताया कि जब उन्हें सूचना मिली कि यूक्रेन और रूस के बीच में युद्ध शुरू हो गया है तो घर में सब डरे हुए थे और जब तक उनकी बेटी का जहाज दिल्ली नहीं उतरी तब तक उन्हें चिंता सता रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रयास की सराहना करते हैं।