मन से 'मनसा' के दर्शन: माता मनसा देवी का आज का श्रृंगार, घर बैठे ही कर लीजिए मां को प्रणाम

मन से 'मनसा' के दर्शन: माता मनसा देवी का आज का श्रृंगार, घर बैठे ही कर लीजिए मां को प्रणाम

Panchkula Mansa Devi in Haryana

Panchkula Mansa Devi in Haryana

Mata Mansa Devi Mandir Panchkula : माता का हृदय बड़ा कोमल होता है और बात जब जगत माता की हो तो उस हृदय में तो विराट कोमलता, विराट स्नेह और विराट दया व कृपा की झलख ही अलग है| आज हम आपको घर बैठे हरियाणा के पंचकूला में स्थित माता मनसा देवी के अद्भुत दर्शन करा रहे हैं| पंचकूला स्थित माता मनसा देवी की बड़ी मान्यता है|

माता की मूरत तो ऐसी है कि लगता है कि जैसे माता को जब आप देख रहे हैं तो वह आपसे कुछ बोलने वाली हैं, वह आपको देख रही हैं| माता की मूरत इतनी ज्यादा खूबसूरत है कि सचमुच माता की मूरत से आप निगाहें नहीं हटा सकते| लगता है कि बस माता की मूरत को निहारते ही रहो|

आपको बतादें कि, पंचकूला स्थित माता मनसा देवी के दर पर जो भी भक्त सच्चे दिल से शीश झुकाता है और अपनी मनोकामना माता से कहता है तो वह मनोकामना जरूर पूरी होती है| मां को मनोकामना देवी भी कहा जाता है। माना जाता है कि मांगी गई हर मुराद माता मनसा देवी पूरी करती हैं। कई भक्त इसके साक्षी भी हैं|

माता मनसा देवी का आज का श्रृंगार(6-8-2022), घर बैठे करिये अद्भुत दर्शन...

माता मनसा देवी आज (शनिवार) जिस श्रृंगार में सामने आई हैं उसमें वह काफी सुंदर लग रहीं हैं। माता आसमानी रंग के साथ विभिन्न रंगों से सुशोभित सुंदर कढ़ाईदार वस्त्र धारण किये हुए हैं। माता का पूरा श्रृंगार बड़ा ही दिव्य लग रहा है। अब देर मत करिए, अगर दर पर नहीं जा पाएं हैं तो घर बैठे ही आप कीजिये मां के दर्शन और अगर कोई मनोकामना है तो मां से बोल दीजिये। मां झट से पूरी करेंगी। बशर्ते नियत साफ होनी चाहिये... देखिये

Panchkula Mansa Devi in Haryana
Panchkula Mansa Devi in Haryana

अर्थ प्रकाश पर अब रोज करिये माता के दर्शन.....

बतादें कि, अबसे अर्थ प्रकाश पर माता मनसा देवी का हर रोज का श्रृंगार आपको देखने को मिलेगा| साथ ही आप माता के अद्भुत दर्शन भी कर पाएंगे| इसलिए अगर आप रोज-रोज पंचकूला में स्थित माता मनसा देवी के दर पर नहीं जा सकते तो आप अर्थ प्रकाश पर मनसा देवी का हर रोज का श्रृंगार देख सकते हैं| हर रोज उनके दर्शन कर सकते हैं| बोलिये जय मनसा माता की और जुड़े रहिये अर्थ प्रकाश पर...


Published by Shiva Tiwari