पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में, बीते 11 महीनों में सरकार का कुल कर्ज 15.3 फीसद बढ़ा
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में, बीते 11 महीनों में सरकार का कुल कर्ज 15.3 फीसद बढ़ा
कंगाल पाकिस्तान कटोरा लेकर कर्ज लेने के लिए कभी अंतरराष्ट्रीय बैेंकों तो कभी विकसित देशों से गुहार करता है। हालत यह है कि पाकिस्तान में महंगाई उच्च स्तर पर है। चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान में एलपीजी की कीमतें 235 फीसदी बढ़ गई हैं। पाकिस्तान (Pakistan) में शहबाज शरीफ सरकार (Shehbaz Sharif government) ने 1 जुलाई से नेचुरल गैस (LPG) की कीमतों में 43 प्रतिशत से 235 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इस बढ़ोतरी के चलते ज्यादातर घरेलू और अन्य केटेगरी के उपभोक्ताओं से सरकार 660 अरब पाकिस्तानी रुपए वसूलेगी।
11 महीनों में 15.3 फीसदी बढ़ गया पाक सरकार का कुल कर्ज
देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच बीते 11 महीनों में पाकिस्तान सरकार का कुल कर्ज 15.3 फीसदी बढ़ गया है। पाकिस्तनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के हवाले से बताया कि जून 2021 में सरकार का कुल कर्ज 38.704 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए था, जो मई में बढ़कर 44.638 ट्रिलियन हो गया।
पिछले 4 साल से लगातार बढ़ रही हैं ऊर्जा कीमतें
पेट्रोलियम राज्यमंत्री मुसादिक मलिक ने कहा, 'लगभग आधे घरेलू उपभोक्ताओं को गैस की कीमतों में उछाल से बचाया गया है, लेकिन उच्च वर्ग पर बोझ काफी बढ़ गया है।' यह फैसला पाकिस्तान की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने लिया। वहीं पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी का उद्देश्य गैस क्षेत्र में सर्कुलर लोन को बढ़ाने से रोकना है। दरअसल, पाकिस्तान में वर्ष 2018 से ही ऊर्जा कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तान सरकार का घरेलू कर्ज और देनदारियां जून 2021 में जहां 26.968 ट्रिलियन रुपए थी, वहीं मई 2022 में यह बढ़कर 29.850 ट्रिलियन रुपये हो गई है।
कर्ज से हालत खराब, रक्षा खर्च में की कटौती
पाकिस्तान में घरेलू लोन की हालत खराब है। पाक मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि घरेलू लोन पाकिस्तान की इकोनॉमी के आगे बढ़ने में सबसे बड़ा रोड़ा है। इस कारण से बजट में कटौती करना पड़ता है। पाकिस्तान में हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि देश चलाने के लिए रक्षा बजट में भी कटौती करना पड़ी है। वहीं पाकिस्तान में 30 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 493 मिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है।