पाकिस्तान के दिग्गज शोएब अख्तर ने की अपनी बायोपिक 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' की घोषणा, 2023 में होगी रिलीज

पाकिस्तान के दिग्गज शोएब अख्तर ने की अपनी बायोपिक 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' की घोषणा, 2023 में होगी रिलीज

पाकिस्तान के दिग्गज शोएब अख्तर ने की अपनी बायोपिक रावलपिंडी एक्सप्रेस की घोषणा

पाकिस्तान के दिग्गज शोएब अख्तर ने की अपनी बायोपिक 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' की घोषणा, 2023 में होगी रिली

नई दिल्ली। वर्ल्ड क्रिकेट में वैसे तो कई खिलाड़ी हुए हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे हैं जिन्हें शायद ही कभी भुलाया जा सकता है और उनमें से एक खिलाड़ी पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर हैं। रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर के नाम पर अब भी सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकार्ड दर्ज है जो अब तक तो नहीं टूटा है। अपनी गेंद की रफ्तार से वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करने वाले शोएब अख्तर अपने खेलने के दिनों में बल्लेबाजों पर पूरी तरह से हावी रहने के लिए जाने जाते थे। 

 

बायोपिक के जरिए शोएब अख्तर की जिंदगी आएगी सामने

अब शोएब अख्तर के जीवन पर एक बायोपिक बनने जा रही है जिसका नाम रावलपिंडी एक्सप्रेस है। जानकारी के मुताबिक ये बायोपिक 16 नवंबर 2023 को रिलीज की जाएगी। शोएब अख्तर ने जो कुछ हासिल किया वो आसान तो नहीं रहा होगा और उनके बायोपिक के सामने आने के बाद उनकी जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें सामने आएंगी जिनसे क्रिकेट फैंस अब तक रूबरू नहीं हुए हैं। इस बायोपिक में उनके जीवन से जुड़ी कई अनसुनी और अनकही पहलू सामने आएंगे जो जाहिर तौर पर रोमांचक होंगे और हर क्रिकेट फैन उसे जानने को बेताब जरूर होगा।क्रिकेटर्स के जीवन पर फिल्में और बायोपिक बनते रहे हैं और अब शोएब अख्तर का नाम भी उस लिस्ट में शुमार हो गया है। 

46 साल के शोएब अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 14 साल तक क्रिकेट खेला। उन्होंने साल 1997 में डेब्यू किया था और 2011 तक वो अपने देश के लिए खेलते रहे। इस दौरान उन्होंने 46 टेस्ट, 163 वनडे और 15 टी20 इंटरनेशनल मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। 46 टेस्ट मैचों में उन्होंने 178 विकेट हासिल किए तो वहीं 163 वनडे में उन्होंने 247 विकेट लिए थे जबकि 15 टी20 इंटरनेशनल मैचों में उनके नाम पर 19 विकेट दर्ज हैं। शोएब अख्तर ने उस वक्त क्रिकेट खेला जब सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, रिकी पोंटिंग, ब्रायन लारा, मैथ्यू हेडेन जैसे बल्लेबाज विश्व क्रिकेट में मौजूद थे। ऐसे-ऐसे बल्लेबाजों के बीच खुद को साबित करना ही अपने आप में कमाल था।