सिटको में रोजाना नये घपले: सेक्टर 56 में पेट्रोल पंप पर लगा आउटसोर्सिंग मुलाजिम 45 हजार रुपये लेकर भागा
- By Vinod --
- Tuesday, 21 Nov, 2023
Outsourcing employee employed at petrol pump in Sector 56 ran away with Rs 45 thousand
Outsourcing employee employed at petrol pump in Sector 56 ran away with Rs 45 thousand- चंडीगढ़I चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल टूरिज्म कारपोरेशन (सिटको) में रोजाना नये नये घपले होते हैं लेकिन विभाग की ओर से कोई गंभीर कार्रवाई नहीं होती। सोमवार को सेक्टर 56 में स्थित सिटको पेट्रोल पंप से ठेकेदार के अंडर आउटसोर्सिंग पर लगा एक मुलाजिम करीब 45 हजार रुपये का कैश लेकर भाग गया।
इसके बाद सिटको ने पुलिस को मुलाजिम के संदर्भ में सूचित किया। मुलाजिम के परिजनों ने भी पुलिस में मिसिंग की सूचना दर्ज कराई। मुलाजिम तो मिल गया लेकिन उसने सिटको का कैश अभी तक जमा नहीं कराया है। सिटको के सीजीएम अमित कुमार कह रहे हैं कि कैश की चिंता नहीं, पहले तो मुलाजिम मिलना चाहिए। ठेकेदार की पैसों की गारंटी उनके पास रहती है। अगर कैश वापिस न मिला तो उसमें से वसूली हो जाएगी।
नियम के मुताबिक पेट्रोल पंप पर तैनात मुलाजिमों को कैश ड्यूटी के बाद जमा कराना होता है। उधर डीजीएम पेट्रोल पंप सुधीर गुप्ता के हवाले से सीजीएम अमित कुमार ने दावा किया कि भागा हुआ मुलाजिम पुलिस स्टेशन में पेश हो गया है। उसके पास पेट्रोल पंप पर लोगों से लिया पूरा पैसा है। क्या सिटको या पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है पर सुधीर गुप्ता कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह का प्रकरण सामने आया हो। सिटको में इस तरह के आर्थिक घपले लगातार होते रहे हैं। पहले भी सेक्टर 17 के पेट्रोल पंप पर तैनात मुलाजिम को बैंक में जमा कराने के लिये 3 लाख 85 हजार रुपये का कैश दिया गया था। उसने बैंक में कैश जमा कराया और सिटको की अकाउंट्स ब्रांच में जो समरी जमा कराई उसमें बैंक की रसीद के साथ 3.85 की जगह 5.85 कर दिया।
यानि सिटको के अकाउंट में 3.85 की जगह 5.85 की रकम चढ़ गई। इसके बाद कैश लेकर ठेकेदार की माफर््त लगा ये मुलाजिम भी भाग गया। आज तक इस मुलाजिम पर कोई कार्रवाई सिटको की तरफ से नहीं की गई। बताया जाता है कि सिटको ने इस मुलाजिम पर एफआईआर भी दर्ज नहीं कराई हालांकि सीजीएम अमित कुमार का कहना है कि उस मामले में भी एक्शन सिटको की तरफ से लिया गया।
पैसे का जो भी प्रकरण रहता है उसमें वसूली की जाती है। एफआईआर दर्ज की गई थी या नहीं का वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये। बताया जाता है कि इस मुलाजिम के हेरफेर की भी आज तक न तो वसूली हो पाई और न ही इस पर कोई एफआईआर या अन्य कार्रवाई। आउटसोर्सिंग पर लगे इस मुलाजिम के ठेकेदार की मनी गारंटी से भी सिटको आज तक कोई वसूली नहीं कर पाया। इसी तरह एक ठेकेदार सिटको को करोड़ों की चपत लगा गया जिसमें कई मुलाजिमों की मिलीभगत रही। तीन मुलाजिमों को सिटको ने सस्पेंड भी कर दिया था। इस ठेकेदार ने उल्टा सिटको के अफसरों को पानीपत थाने के चक्कर कटवा दिये।