5 साल में 200 सवाल भी नहीं पूछ पाए हमारे माननीय सांसद, करनाल के सांसद तीसरे स्थान पर रहे। सवाल पूछने और खर्च मे
- By Vinod --
- Wednesday, 03 Apr, 2024
Our honorable MP could not even ask 200 questions in 5 years
Our honorable MP could not even ask 200 questions in 5 years- करनाल (शैलेंद्र जैन)। देश मे लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा ने अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए है। पार्टी ने 4 सांसदों को दोबारा टिकट दिया है। 2009 में भाजपा के ही प्रत्याशी सभी 10 सीटों पर जीतकर संसद पहुंचे थे। करनाल के सांसद संजय भाटिया ने पांच सालों में 153 सवाल संसद में पूछे। उन्होंने संसद निधि से 11 करोड़ पंद्रह लाख ही खर्च किए। वह तीसरे नम्बर पर रहे। उनके अलावा भिवानी से धर्मवीर ने 181 सवाल पूछे। तथा 13 लाख 34 लाख रुपए संसद निध से खर्च किए। सोनीपत के रमेश कौशिक ने 168 सवाल पूछे। तथा नौ करोड़ चार लाख खर्च किए।
सुनीता दुगल जो सिरसा से हैं। उन्होंने 131 सवाल पूछे। नौ करोड़ 57 लाख खर्च किए। रोहतक से डा. अरविंद शर्मा ने केवल 130 सवाल पूछेञ चार करोड़ 99 लाख खर्च किए। हिसार से ब्रजेंद्र सिंह ने 126 सवाल पूछे। सात करोड़ 71 लाख खर्च किए। कुरुक्षेत्र से संासद नायब सैनी ने पांच सालों में 112 सवाल पूछे और नौ करोड़ 89 लाख ख्र्च किए। अंबाला से सांसद रहे रतन लाल कटारिया ने 72 सवाल ही पूछे। और पांच करोड़ खर्च किए। मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने पांच करोड 75 लाख और रव इंद्रजीत ने केवल छह करोड़ 47 लाख खर्च किए। जनता ने अपनी आवाज उठाने के वाले 200 सवालों तक कहीं पहुंचा।
भाजपा के 10 संसदों में में अम्बाला करीया का पिछले साल मई में निधन से सांसद बृजेन्द्र सिंह हाल ही मे त्याग पत्र दे कर चले गए। संसद में दो मंत्रियों को छोडक़र बाकी मोदी में सांसद धर्मबीर सिंह ने पूछे। उन्होंने सालों में सकार से पूछे सांसद रमेश कौशिक ने पूछे। वहीं, महेंद्रगढ़-भिवानी से दूसरे नंबर पर संसद निधि से सबसे ज्यादा 11.98 करोड़ स्थर के काम कराए: सबसे आखिरी पायदान पर रोहतक के सांसद अरविंद शमां रहे।
वे 252 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाए हैं। वे करीब 49त्न राशि खर्च ही नहीं कर पाए। बता दें इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर केंद्र में सवाल नहीं पूछ सकते है। सांसद निधि का प्रावधान 1992-93 में लागू, सालाना 5-5 करोड़ कर सकते हैं खर्च सांसदों के लिए सांसद निधि का प्रावधान साल 1992-93 में लागू किया गया।
2011 में सांसद निधि का सामान्य स्थिति में 5-3 करोड़ रुपए साल का प्रावधान किया गया। लेकिन यह पैसा सांसदों की ओर से काम की सिफारिश करने पर ही मिलता है। यानी वे सालाना पांच करोड़ रुपए तक के काम करा सकते हैं। २019 मे में कोरोना ने दस्तक दी। इसके बाद यह भारत में भी इसकी वजह से अगले विडीय वर्ष 2020-21 में कोई सांसद निधि जारी ही नहीं की गई। अप्रैल 2020 से लेकर नबर 2021 तक सांसद निधि स्थगित की गई। 10 नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 के लिए सभी सांसदों के लिए 2-2 करोड़ रुपए तय किए।