हरियाणा की कई योजनाओं का अनुसरण कर रहे देश के दूसरे राज्य:मनोहर लाल
हरियाणा की कई योजनाओं का अनुसरण कर रहे देश के दूसरे राज्य:मनोहर लाल
लोगों को मिल रहा पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन
घर बैठे हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे लोग
चंडीगढ़, 22 मई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज हरियाणा बाकी सब प्रदेशों से आगे निकला है वो टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही संभव हो पाया है। हमने टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक सिस्टम खड़ा किया है, जिस वजह से सरकारी योजनाओं का लाभ पाना आसान हुआ।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद पारदर्शी, स्वच्छ प्रशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने पर काम किया है। साढ़े सात साल के कार्यकाल में इतने कार्यक्रम चलाए कि अब भ्रष्टाचार की गुंजाइश न के बराबर रह गई है। इसमें इन्फॉरमेशन टैक्नोलॉजी (आईटी) का अहम योगदान है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कई ऐसी योजनाएं बनाई हैं जिसका पूरे देश में अनुसरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की लाल डोरा योजना को स्वामित योजना के नाम से पूरे देश में लागू किया गया है। लाल डोरा के अंदर रिहायशी एरिया की प्रोपर्टी का प्रमाण नहीं होता था। इसको खत्म कर हमने हर एक को जमीन का मालिकाना हक दिलाया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवार पहचान पत्र योजना का भी केंद्र सरकार अध्ययन कर रही है। इसे भी अन्य प्रदेशों में लागू करवाने की योजना बन रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवार पहचान पत्र योजना के जरिए 69 लाख परिवारों को रजिस्टर किया गया है। हमारे पास हर परिवार और सदस्य की जानकारी है, जिससे लोगों के लिए योजनाएं बनाने में आसानी हुई है। हमने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से 300 से ऊपर योजनाएं जोड़ दी है। लोगों को घर बैठे हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और इंडस्ट्री के साथ-साथ हरियाणा खेल और पढ़ाई में भी बाकी राज्यों के लिए मिसाल बना है। हमने खिलाडिय़ों को बराबर के अवसर प्रदान किए हैं। मेडल जीतने पर खिलाडिय़ों को हरियाणा में मिलने वाली ईनाम राशि भी अन्य राज्यों से ज्यादा है। ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार द्वारा 6 करोड़ का ईनाम दिया जाता है। देश में कोई अन्य राज्य ऐसा नहीं है, जहां इतनी ज्यादा ईनाम राशि मिलती हो। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने लगभग 650 करोड़ रुपए की लागत से 10वीं, 11वीं और 12वीं के 5 लाख छात्रों को टैबलेट दिए हैं।