विधानसभा चुनाव से पहले पंचकूला 2017 नीति को रद्द करने की मांग पर अड़े संगठन

विधानसभा चुनाव से पहले पंचकूला 2017 नीति को रद्द करने की मांग पर अड़े संगठन

Panchkula 2017 Policy

Panchkula 2017 Policy

स्टिल्ट 4 मकानों के निर्माण के मामलों को लेकर हुई बैठक में बोले शहरवासी योजना केवल एचएसवीपी के नए क्षेत्रों में लागू की जानी चाहिए

अर्थ प्रकाश आदित्य शर्मा
पंचकूला। Panchkula 2017 Policy: 
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग, हरियाणा (टीपीसी) ने बिल्डिंग कोड 2017 के अनुसार स्टिल्ट+4 बिल्डिंग की और निर्माण-योजना स्वीकृत होने के बाद भवनों के निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन आरडब्ल्यूए के विरोध पर विभाग ने स्टिल्ट के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया था। मगर अब योजना के लागू होने के बाद स्टिल्ट 4 मकानों के निर्माण की मंजूरी मिलने से लोग नाराज है। शहर के कल्याणकारी संगठन और विधानसभा चुनाव से पहले पंचकूला 2017 नीति बंद करने की मांग पर अड़ गए हैं। बैठक में ऐसके नैय्यर, प्रधान, सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन,  सुनील जैन, महासचिव;  राकेश सोंधी, उप-प्रधान; सुनील वशिष्ठ, प्रधान,आर डब्ल्यू आरडी सेक्टर 15; डीपी सोनी, प्रधान सेक्टर 17;  डॉ ऐम ऐस कांबोज, प्रधान सेक्टर 21;  जे एल नन्दा, सेक्टर 16; ऐच ऐम कपूर, सेक्टर 11; श्रीमती शिशम बाला  एवं अन्य सदस्य मौजूद थे। 

शहर के प्रतिनिधियों ने बैठक में कहा कि 23 फरवरी 2023 को SS+4 मंजिलें हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन चर्चा बुलाने के मुद्दे को सुलझाने के लिए राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। पंचकूला के लिए ऑनलाइन चर्चा 1 जून 2023 को एस के नैयर, अध्यक्ष सीडब्ल्यूए और जनरल वी पी मलिक, संरक्षक सीडब्ल्यूए और विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की गई थी। इसके बाद राघवेंद्र राव की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई। रिपोर्ट पर निर्णय का लंबे समय तक इंतजार किया गया। हरियाणा सरकार ने 29 मई 2024 को आंशिक निर्णय जारी किया और कुछ अन्य शर्तों के साथ बिना अनुमति के चौथी मंजिल के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया था। गत 3 जुलाई को लगाए गए प्रतिबंध को सरकार द्वारा हटाने का निर्णय इस शर्त के साथ लिया गया कि पड़ोसियों की लिखित सहमति होनी चाहिए अन्यथा आम के साथ 1.8 मीटर दीवार का हिस्सा छोड़कर एस +4 भवन का निर्माण किया जा सकता है। उसे भविष्य में भी एस+4 का निर्माण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रतिनिधियों ने कहा कि यह नीति 'अजीब और बेतुकी' है, लेकिन हरियाणा सरकार को चुनाव से पहले बड़े जनहित में प्राथमिकता के आधार पर फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए।

स्टिल्ट 4 ने यूं खड़ी की लोगों की लिए मुसीबत: सीडब्ल्यूए 

हरियाणा सरकार द्वारा की गई इस प्रकार की कार्यवाही शहर के उन निवासियों के खिलाफ हैं जो लंबे समय से सूर्य की रोशनी और हवा से वंचित हैं। 
पंचकूला मास्टर-प्लान और इसके ज़ोनिंग-सिस्टम को सेक्टर-वार बनाए रखने पर मौजूदा सीवरेज-सिस्टम; जल निकासी व्यवस्था; पानी की आपूर्ति प्रणाली; पार्किंग-व्यवस्था; बिजली ओवरलोडिंग/ब्रेकडाउन; अग्नि-सुरक्षा-प्रणाली; अनुमानित जनसंख्या स्तर से वंचित हैं। जिसे मौजूदा बुनियादी ढांचा पूरा नहीं कर सकता है, लेकिन इसे अभी ठीक नहीं किया जा सकता/बढ़ाया नहीं जा सकता। आम जनता की सुविधा और लाभ के लिए प्रावधान किया गया है, लेकिन जनता को तदनुसार परिणाम भुगतने होंगे। वास्तव में, विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को शून्य माना गया है, बल्कि रिपोर्ट को जनता के लिए आंखों में धूल झोंकने के रूप में बदल दिया गया है। सरकार भविष्य के बड़े सार्वजनिक हितों से बचते हुए अपने हितों के लिए बिल्डरों के हाथों में खेल रही है।

एस के नैयर, अध्यक्ष और अन्य सीडब्ल्यूए के सदस्यों ने बैठक में उपस्थित आरडब्ल्यूए के  प्रतिनिधियों और अन्य नागरिकों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आग्रह किया है कि पंचकूला नीति 2017 को तुरंत रद्द करें अन्यथा ऐसी योजना केवल एचएसवीपी के नए क्षेत्रों में लागू की जानी चाहिए। यह भी आग्रह किया गया है कि पंचकूला के मास्टर-प्लान के अनुसार क्षेत्रों की एकरूपता की जोनिंग-प्रणाली को हमेशा के लिए सुंदरता और एकरूपता को बनाए रखा जा सकता है। सदस्यों ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि जटिलताओं से बचने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले व्यापक जनहित में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।