हरियाणा में अग्रिपथ के मुद्दे पर एकजुट हुआ विपक्ष
हरियाणा में अग्रिपथ के मुद्दे पर एकजुट हुआ विपक्ष
प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे दीपेंद्र हुड्डा
अभय बोले युवाओं पर गोली बरसाना गलत
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने जहां केंद्र की अग्निपथ योजना में शामिल होने वाले युवाओं को सरकारी नौकरियों में वरीयता देने का ऐलान किया है वहीं विपक्षी राजनीतिक दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखने का फैसला किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस योजना के मामध्यम से सरकार ने युवाओं के साथ खिलवाड़ किया है। युवाओं को रोजगार देने को लेकर किए गए ऐलान को सरकार पूरा नहीं कर पा रही है। ऐसे में अपनी गलती छिपाने के लिए यह रास्ता निकाला गया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार अग्नि पथ योजना को तुरंत वापस ले। यह देश की सुरक्षा के लिए हित में नहीं है। न ही युवाओं के हित में है। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में भर्ती खोलने का प्रश्न उठाया था। सरकार इसे संसद में व्यापक चर्चा के लिए रखें। दीपेंद्र ने कहा कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे।
महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अग्निपथ योजना युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध है कि इस पर दोबारा विचार किया जाए और इसे दुरुस्त किया जाए। इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अग्रिपथ योजना लागू करने पर कहा कि जिस बात की आशंका थी वो अब देश के युवाओं द्वारा आत्महत्या और धरना-प्रदर्शन के रूप में धरातल पर दिखाई देने लगी है।
यह बेहद दुखदाई है कि जींद जिला के गांव लिजवाना के सचिन नामक युवक ने अग्रिपथ योजना लागू होने से आहत होकर आत्महत्या कर ली। पलवल, रेवाड़ी और हिसार जिला में अग्रिपथ योजना के खिलाफ गुस्साए युवाओं ने धरने और प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। अग्रिपथ योजना के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर भाजपा सरकार द्वारा लाठीचार्ज किया जाना बेहद कायरतापूर्ण कदम है।
युवाओं के लिए उपलब्धि है अग्रिपथ:कार्तिकेय
हालही में भाजपा व जजपा के समर्थन से राज्य सभा सांसद बने कार्तिकेय शर्मा ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से देश के युवाओं को नए आयाम मिलेंगे। हरियाणा के युवाओं के खून में राष्ट्रवाद है और ऐसे युवाओं के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। हरियाणा सरकार द्वारा चार वर्ष की नौकरी के बाद इन युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने का फैसला भी सराहनीय है।