ये चोर-पुलिस का खेल... और वो भाग निकला; अमृतपाल पर जालंधर कमिश्नर का बयान, कुलदीप चहल बोले- 20-25 किलोमीटर तक उसका पीछा किया
Operation Amritpal in Punjab
Operation Amritpal in Punjab: खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखी अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की नजरों में चढ़ गया है। अमृतपाल और उसके साथियों को लेकर पंजाब पुलिस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रही है। पुलिस ने अबतक अमृतपाल के 70 से ज्यादा साथियों को गिरफ्तार किया है। खबर यह भी है कि, अमृतपाल के कुछ साथी पंजाब से असम के डिब्रूगढ़ लाए गए हैं। ये डिब्रूगढ़ में रखे जाएंगे। वहीं दूसरी ओर अमृतपाल को शिकंजे में में लेने के लिए पंजाब पुलिस का बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन जारी है। पंजाब पुलिस का कहना है कि, अमृतपाल को गिरफ्तार करके ही सांस ली जाएगी। मसलन, पंजाब पुलिस किसी भी कीमत पर अमृतपाल को छोड़ने वाली नहीं है। पुलिस के एक्शन से अमृतपाल के खेमे में इस समय अफरा-तफरी का माहौल है।
अमृतपाल कैसे भाग निकला?
बतादें कि, शनिवार को एक कार्यक्रम के लिए अमृतपाल और उसके साथी जालंधर के शाहकोट मलसियां में इकट्ठे हो रहे थे लेकिन इसी बीच पंजाब पुलिस ने धावा बोल दिया। जिसके बाद मौके पर अमृतपाल और उसके साथियों में भागमभाग मच गई। हालांकि, इस दौरान पुलिस ने अमृतपाल के कई साथियों को दबोच लिया लेकिन अमृतपाल गाड़ी में बैठ अपने काफिले के साथ यहां से निकलने में कामयाब रहा| जिसके बाद पंजाब पुलिस की कई टीमों ने अमृतपाल का पीछा करना शुरू कर दिया।
कुलदीप चहल बोले- 20-25 किलोमीटर तक उसका पीछा किया
अमृतपाल को लेकर चल रही कार्रवाई को लीड कर रहे जालंधर कमिश्नर कुलदीप चहल ने बताया कि, जब अमृतपाल भागा तो इस बीच करीब 20-25 किलोमीटर तक पुलिस ने उसका पीछा किया लेकिन वह भागने में सफल रहा। तंग रास्तों की वजह से भी पुलिस को उसे पकड़ने में दिक्कत हुई। लेकिन पुलिस अमृतपाल को जल्द ही गिरफ्तार करेगी। वह बचकर नहीं जा पाएगा। उसे तलाशा जा रहा है।
कमिश्नर कुलदीप चहल ने बताया पुलिस ने इस कार्रवाई में कई हथियार बरामद किए हैं। इसके साथ ही वो 2 गाड़ियां भी जब्त की हैं। जिनका उपयोग कर अमृतपाल भागने में सफल रहा। जालंधर कमिश्नर कुलदीप चहल का कहना है कि, पंजाब में जो भी कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करेगा। वो यह समझ ले कि उसे बख्शा नहीं जाएगा।
वीडियो(एएनआई के हवाले से)
अमृतपाल के गिरफ्तार होने की चली थी खबर
बतादें कि, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के बाद शनिवार को पूरे दिन अमृतपाल की गिरफ्तारी की खबर चलती रही। लेकिन फिर शनिवार देर शाम पुलिस का आधिकारिक बयान सामने आया और उसमें यह बताया गया कि, अभी अमृतपाल की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वह फरार होने में कामयाब रहा है। मगर पुलिस उसके पीछे पड़ी है और उसे जल्द गिरफ्तार कर लेगी।
इस दौरान पुलिस ने यह जानकारी भी दी कि, अमृतपाल के 70 से ज्यादा साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये 'वारिस पंजाब दे' संगठन से जुड़े हुए थे। पुलिस ने बताया कि, इनकी गिरफ्तारी के साथ हथियार भी बरामद किए गए हैं।
पंजाब में हाई अलर्ट, रक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर कार्रवाई के मद्देनजर पंजाब में हाई अलर्ट है। राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। जगह-जगह भारी पुलिस फोर्स तैनात है। वहीं राज्य में इंटेरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। पंजाब सरकार ने अब एक और आदेश जारी करते हुए इंटेरनेट सेवाओं को 20 मार्च तक बंद कर दिया है।
कौन है अमृतपाल? एकदम चर्चा का केंद्र कैसे बना
बताया जाता है कि, अमृतपाल सिंह पहले दुबई में रह रहा था और यहां ट्रांसपोर्टर का काम करता था। लेकिन हाल ही में वह पूर्ण रूप से पंजाब लौट आया और यहां आकर सिख कौम के वजूद के लिए गतिविधियां तेज कर दीं। अमृतपाल सिंह पंजाब में केवल सिख कौम के राज की बात करता है। साथ ही खालिस्तान बनने और बनाने की बातें कहता है। अमृतपाल के पीछे उसके समर्थकों की भारी फौज है. जो उसके जान दे भी सकती है और ले भी सकती है।
मैं इंडियन नहीं- अमृतपाल
यहां तक कि, अमृतपाल खुलेआम यह तक कहता है कि वह इंडियन नहीं है। हाल ही में मीडिया के सामने अमृतपाल ने खुद को इंडियन मानने से मना कर दिया था. अमृतपाल ने मीडिया में इंटरव्यू देते हुए कहा था कि वह खुद को इंडियन नहीं मानता और न ही उसके लिए इंडिया कुछ है। वह सिर्फ एक सिख है और पंजाबी है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। अमृतपाल ने कहा कि, अगर उसके संबंध में पासपोर्ट जैसी चीजों पर इंडिया का जिक्र आता है तो यह सिर्फ यात्रा का एक जरिया है।
अमृतसर के अजनाला कांड से देश हैरान रह गया था
दरअसल, 23 फरवरी को अपने करीबी साथी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़ाने के लिए अमृतपाल सिंह और उसके खालिस्तान समर्थकों ने बंदूक-तलवारों से लैस होकर थाने पर चढ़ाई कर दी थी। थाने पर हमला किया गया। तोड़फोड़ की गई। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस पस्त नजर आई। कई पुलिस वाले घायल हुए।
आलम यह रहा है कि, अमृतपाल सिंह और उसके खालिस्तान समर्थकों ने थाने पर अपना कब्जा जमा लिया। खास बात यह है कि, इस पूरी घटना के दौरान अमृतपाल सिंह और उसके खालिस्तान समर्थकों ने गुरु ग्रंथ साहिब जी को भी साथ रखा हुआ था। यानि गुरु ग्रंथ साहिब जी को थाने तक लाया गया।