खुले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट, पुष्प वर्षा के साथ हुआ तीर्थयात्रियों का स्वागत
Chardham Yatra 2023
देहरादून: Chardham Yatra 2023: अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत श्रीगणेश हो गया है। शनिवार को अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम के कपाट विधिवत हवन, पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चरण एवं धार्मिक रीति-रिवाज साथ खोले गए।
गंगोत्री के कपाट दोपहर 12: 35 बजे खुले गए तथा यमुनोत्री के कपाट दोपहर 12.41 बजे खोले गए। गंगोत्री धाम की पूजा में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संकल्प लिया। जबकि यमुनोत्री धाम में उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार शामिल हुई। शनिवार को गंगोत्री धाम में करीब 8 हजार और यमुनोत्री धाम में करीब 5 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
गंगोत्री धाम के कपाट खुले (The doors of Gangotri Dham opened)
बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट खोलने मुहूर्त के समय गंगोत्री धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा का आशीर्वाद लिया।
चारों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या की सीमा हटाई (Removed the limit on the number of devotees in the four dhams)
उत्तराखंड में शनिवार को गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही प्रारंभ होने जा रही चारधाम यात्रा को लेकर धामी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस कड़ी में चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है।
धामों में दर्शन को संख्या निर्धारित करने को लेकर तीर्थ पुरोहितों के साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े कारोबारियों के मध्य से विरोध के सुर उठ रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले यह कदम उठाया है। धामों में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए टोकन व्यवस्था लागू रहेगी।
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ही आफलाइन का विकल्प भी रखा गया है। उधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से 2200 यात्रियों के पहले जत्थे को गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए रवाना किया। प्रदेश की आर्थिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा को लेकर सरकार फरवरी से ही तैयारियों में जुट गई थी। चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
21 फरवरी से आनलाइन पंजीकरण खोले गए हैं। अब तक 16 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी थी। बदरीनाथ में प्रतिदिन 18000, केदारनाथ में 15000, गंगोत्री में 9500 व यमुनोत्री में 5500 प्रतिदिन की संख्या तय की गई थी। कुछ समय पहले तीर्थ पुरोहितों और चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस सीमा को हटाने का आग्रह किया था।
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर अब चारों धामों में प्रतिदिन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्राकाल में यात्रियों के पंजीकरण के लिए आनलाइन व आफलाइन व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भीड़ नियंत्रण के लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी।
बदरी-केदार के कपाट खुलने की तिथियां (Dates of opening of doors of Badri-Kedar)
- धाम, तिथि
- केदारनाथ, 25 अप्रैल
- बदरीनाथ, 27 अप्रैल
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