पांच साल में चंडीगढ़ में बिके केवल 5.64 फीसदी ईवी: लोगों ने ज्यादा नहीं दिखाई रुचि, प्रशासन इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारी बढ़ाने में रहा नाकाम
- By Vinod --
- Tuesday, 17 Dec, 2024
Only 5.64 percent EVs sold in Chandigarh in five years
Only 5.64 percent EVs sold in Chandigarh in five years- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ प्रशासन के जोरदार दबाव के बावजूद, पिछले पांच वर्षों में चंडीगढ़ में ईंधन आधारित वाहनों की तुलना में केवल 5.64 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बेचे गए। भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्यसभा में कहा कि 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2024 के बीच चंडीगढ़ में कुल 2,19,391 वाहन बेचे गए। इनमें ईवी की संख्या 12,375 रही जो कुल वाहन बिक्री का केवल 5.64 फीसदी है। यह खुलासा शुक्रवार को भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों से हुआ। चंडीगढ़ में बेचे गए 12,375 ईवी में से 3,690 दोपहिया, 6,731 तिपहिया, 1,799 चार पहिया और 155 हल्के यात्री वाहन थे।
ईवी अपनाने में यूटी देश में चौथे स्थान पर
आंकड़ों के मुताबिक, कुल वाहन बिक्री में ईवी हिस्सेदारी के मामले में चंडीगढ़ देश में चौथे स्थान पर है। सूची में सबसे आगे दिल्ली है, जहां सबसे अधिक 7.72 फीसदी ईवी अपनाई गई है। इसके बाद गोवा 6.28 फीसदी, असम 5.79 फीसदी और त्रिपुरा 5.62 फीसदी के साथ पांचवें स्थान पर है। यूटी प्रशासन ने सितंबर 2022 में पांच साल की ईवी नीति शुरू की थी, जिसका लक्ष्य ईंधन आधारित वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित करने और प्रदूषण को कम करने के लिए धीरे-धीरे पंजीकरण बंद करना था। यह 2027 तक शून्य-उत्सर्जन वाहनों की उच्चतम पहुंच हासिल करके चंडीगढ़ को मॉडल ईवी सिटी बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा था। हालांकि, पिछले साल 23 नवंबर को, विभिन्न हलकों के दबाव में, तत्कालीन यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने दोपहिया, चार-पहिया और वाणिज्यिक वाहनों सहित गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण पर लगी रोक हटा दी थी।
बैटरी बहुत महंगी, रखरखाव भी ज्यादा:गर्ग
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन, चंडीगढ़ के वित्त सचिव राम कुमार गर्ग ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की रखरखाव लागत, विशेष रूप से बैटरी के लिए, बहुत महंगी है। इसके अलावा, जब कोई उचित सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचा नहीं है तो लोग इलेक्ट्रिक वाहन क्यों खरीदेंगे? प्रशासन अपने अधिकांश चार्जिंग स्टेशनों को चालू करने में विफल रहा है, जिससे खरीदारों की चिंता बढ़ गई है कि वे अपने वाहनों को कहां चार्ज करेंगे।
ईवी अपनाने के लिए दिया पर्याप्त प्रोत्साहन
अपनी ईवी नीति के हिस्से के रूप में, पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के लिए, प्रशासन ने पांच साल के लिए पंजीकरण शुल्क और सडक़ कर माफ कर दिया है। इसके विपरीत, पारंपरिक ईंधन-आधारित वाहनों के मालिकों को दोनों का भुगतान करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, 20 सितंबर, 2022 और 19 सितंबर 2027 के बीच खरीदे गए 25,000 ई-साइकिल, 10,000 ई-बाइक और 3,000 ई-कारों सहित विभिन्न श्रेणियों के 42,000 वाहनों के लिए 3,000 से 2 लाख तक के प्रोत्साहन की पेशकश की जा रही है। प्रोत्साहन देश में कहीं भी खरीदे गए ईवी के लिए लागू हैं, लेकिन केवल चंडीगढ़ के स्थायी निवासी ही पात्र हैं। पिछले साल मई में, यूटी प्रशासन ने इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ हाइब्रिड वाहनों को अगले पांच वर्षों के लिए रोड टैक्स का भुगतान करने से छूट दी थी।
सीटीयू की बसों का बेड़ा 2027-28 तक होगा इलेक्ट्रिक
इस बीच, लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि मंत्रालय ने चंडीगढ़ के लिए पीएम-ईबस सेवा योजना के तहत 100 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी है। राज्यसभा में उठाए गए एक अन्य प्रश्न पर, भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि चंडीगढ़ के लिए 11.87 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत और जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि पीएम-ईबस सेवा योजना के तहत, बिहाइंड-द-मीटर बिजली बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 फीसदी केंद्रीय सहायता (सीए) प्रदान की जाती है। चंडीगढ़ में 2027-28 तक परिवहन विभाग की सभी बसें इलेक्ट्रिक बसों में तब्दील हो जाएंगी। हालांकि पहले कुछ बसों को सीएनजी में बदलने का प्रस्ताव था, लेकिन पता चला कि इसमें ज्यादा खर्च आएगा, जिसके चलते परिवहन विभाग ने इस प्रस्ताव को ही रद्द कर दिया था। फिलहाल सीटीयू के पास कुल 80 इलेक्ट्रिक बसें हैं जो लोकल रूटों पर चलती हैं। अगर प्रशासन को और बसें मिल जाएं तो आने वाले समय में पूरा बेड़ा इलेक्ट्रिक हो जाएगा।