जो भगवान् की सच्ची भक्ति करता है उसको संसार का पता नहीं होता
True Devotion to God
जो भगवान् की सच्ची भक्ति करता है उसको संसार का पता नहीं होता लेकिन सारे संसार को उसका पता होता है। — क्षु. प्रज्ञाशंसागर जी
True Devotion to God: परम पूज्य श्रमण अनगाराचार्य श्री 108 विनिश्चयसागर जी(Sraman Angaracharya Sri 108 Vinischayasagar Ji) गुरुदेव के मंगल आशीर्वाद से ऐतिहासिक नगरी चण्डीगढ़ में परम पूज्य क्षुल्लक श्री 105 प्रज्ञाशंसागर जी(Petty Mr. 105 Pragyashansagar) गुरुदेव के पावन सानिध्य एवं विधानाचार्य पंडित मनोज जैन(Vidhanacharya Pandit Manoj Jain) व सहयोगी पंडित आशीष जैन के निर्देशन में 48 मण्डलीय श्री 1008 भक्तामर महामण्डल विधान का आयोजन दिनांक 29/01/2023 को किया गया। कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने बड़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारम्भ जिसमें प्रातःकाल की बेला में इन्द्र प्रतिष्ठा, मण्डल शुद्धि, श्री जिनेन्द्र भगवान् के अभिषेक-शान्तिधारा से हुआ। पश्चात् श्रीमान् रजनीश जैन नितिन जैन एम.एस. एनक्लेव ढकोली जीरकपुर एवं दिल्ली से पधारे श्रीमान् माणिकलाल जी, श्रीमान् नरेन्द्र जी, श्रीमान् मनोज जी, श्रीमान् प्रदीप जी, श्रीमान् साहिल जी आदि ने जैन धर्म की ध्वजा फहरा कर ध्वजारोहण किया पश्चात् विधान की क्रियाओं को सम्पादित करते हुए अर्चना जैन एण्ड पार्टी दिल्ली ने अपने मधुर स्वरों से समस्त कार्यक्रम स्थल को मधुरिम कर दिया। कार्यक्रम के मध्य प्रातः स्मणीय परम पूज्यनीय श्रमण अनगाराचार्य श्री 108 विनिश्चयसागर जी गुरुदेव का चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, शास्त्र भेंट एवं श्रीमति रानी जैन मुहाली के मधुर मंगलाचरण के पश्चात् परम आदरणीय क्षुल्लक श्री 105 प्रज्ञांशसागर जी गुरुदेव के मंगल प्रवचनों का लाभ उपस्थित श्रद्धालु भक्तों ने लिया।
श्री दिगंबर जैन मंदिर सोसाइटी से. 27b के प्रधान श्री नवरत्न जैन, महामंत्री संतकुमार जैन एवं राजेंद्र प्रसाद जैन आदि प्रतिष्ठित महानुभावों ने बताया कि —
पूज्य गुरुदेव ने अपने प्रवचनों में कहा कि — बिना भावों के सारी क्रियाएँ निरर्थक है, निष्फल है और भावों के साथ की गयी छोटी से छोटी क्रिया भी महान फल देती है। हम सभी भक्तामर स्तोत्र का पाठ, सिद्धचक्र का विधान अपने जीवन काल में कई बार कर चुके लेकिन हमारे जीवन में क्या परिवर्तन आया? आचार्य श्री मानतुंग स्वामी जी ने अपने पूरे जीवन काल मे मात्र एक बार ही भक्तामर स्तोत्र का पाठ किया और 48 ताले टूट गये, सारे उपसर्ग दूर हो गया।
मैना ने अपने पूरे जीवन काल में एक बार सिद्धचक्र विधान किया 700 कोड़ियों का कोड़ दूर हो गया और जो उसका पति कोड़ि था वह भी कामदेव हो गया। वर्तमान में हम सभी दूसरों की नकल करने में तो महारत प्राप्त किए हैं लेकिन अपनी बुद्धि का उपयोग नहीं करते। हमने पुराणों-ग्रन्थों में पढ़ा-सुना और कॉपी-पेस्ट करने लगे लेकिन हमने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि अगर हमको उनके जैसा फल चाहिए तो उनके जैसे भाव भी
तो बनाने पड़ेगे। हम चाहते है कि मेरे ऊपर जो संकट- परेशानी है वो दूर हो जाए; और उसके लिए आचार्य श्री मानतुंग स्वामी जी की नकल भी करते हैं लेकिन आप विचार किजिए जैसे आप भक्तामर स्तोत्र का पाठ करते हैं। आपको लगता है, वैसे ही, आचार्य श्री मानतुंग स्वामी जी ने भी किया होगा?
अगर मैं कभी किसी को श्री भक्तामर स्तोत्र जी का पाठ करते हुए सुनता-देखता हूँ तो हमको एहसास होता है कि भाई के हाथ में टिकट है और सजा मिली है कि पाठ समाप्त करके ही आपको जाने मिलेगा और ट्रेन स्टेशन पर खड़ी है इसलिए भाई ट्रेन से भी ज्यादा स्पीड में पाठ करके ट्रेन को पकड़ना चाहते हैं।
आप स्वयं विचार किजिए कि कैसे मिलेगा हमें आचार्य श्री मानतुंग स्वामी जी जैसा फल? जो हमारा तरीका भक्ति करने का है वह भक्ति तो छोड़ो फॉर्मेलिटी भी ठीक से नहीं हुई। भक्ति तो, भक्त और भगवान् का मेल कराने वाली होती है। भक्ति तो ऐसी होती है कि जिसमें व्यक्ति अपनी सारी सुध-बुध भूलकर भगवान् मे की सच्ची भक्ति करता है उसको संसार का पता नहीं होता लेकिन सारे संसार को उसका पता होता है। कौन नहीं जानता • सीता, सुदर्शन, मैना, धनंजय, टोडलमल, वृन्दावन आदि को।
इन्होंने संकट को टालने लिए नहीं, स्वयं को प्रभु चरणों में समर्पित करने के लिए भक्ति की; फल यह हुआ कि संकट तो टला ही साथ ही साथ अमरत्व भी प्राप्त हुआ। अतः हम सभी को अपने आदर्शों का अनुकरण तो करना ही
है लेकिन मात्र बाहरी रूप से नहीं अंतरंग से भी, जब ही हमारी ये सब क्रियाएं हमारे जीवन को जीवंत बनाएंगी और हमको प्रभु के समीप अमरत्व प्राप्त कराएंगी।
इस कार्यक्रम में चंडीगढ़, पंचकुला, मोहाली, जीरकपुर, दिल्ली एवं विभिन्न राज्यों से अनेक जैन समाज के लोगों ने पूजन विधान एवं धर्म लाभ प्राप्त किया इस विशाल आयोजन में श्रीमति सरोज जैन नीरज जैन नितिन जैन एम् एस इन्क्लेब ढकोली जीरकपुर सपारिवार की ओर से सभी धर्म प्रेमी बंधुओ के लिए भोजन की व्यवस्था की गई |
श्री दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 27B चंडीगढ़ में किया गया।
यह पढ़ें:
स्वास्थ्य मंत्री को गोली मारी गई; सुरक्षाकर्मी ने सरेआम सीने पर दागी, ओडिशा में घटना से भारी हड़कंप