One has to wait for 22 years to offer chola in this temple of Hanumanji

हनुमान जी के इस मंदिर में चोला चढ़ाने के लिए करना पड़ता है 22 साल इंतजार,  देखें क्या है खास

Mandir-Hanuman

One has to wait for 22 years to offer chola in this temple of Hanumanji

वैसे तो श्रीराम भक्त हनुमान के बहुत सारे मंदिर हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर में हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर को तलाई वाले बालाजी का मंदिर कहा जाता है। हालांकि यह मंदिर कितना प्राचीन है, इस बारे में जानकारी नहीं प्राप्त है। बताया जाता है कि पहले खुले चबूतरे पर स्थापित इस मंदिर के किनारे पर तलाई हुआ करती थी। इस वजह से मंदिर का नाम तलाई वाले बालाजी पड़ गया। इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर भक्तों को चोला चढ़ाने के लिए 1-2 साल नहीं बल्कि पूरे 22 साल इंतजार करना पड़ता है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर आप इस मंदिर में मंगलवार या शनिवार के दिन चोला चढ़ाने के लिए बुकिंग करते हैं, तो आपको साल 2046 तक इंतजार करना होगा। क्योंकि मंगलवार 2024 को आपकी रसीद कटेगी, तो वहीं 22 साल बाद आप चोला चढ़ा पाएंगे। आखिर इस मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए 22 साल इंतजार क्यों करना पड़ता है।

भोग और राम रक्षा स्तोत्र के लिए लगती है लाइन
तलाई वाले बालाजी मंदिर में मंगलवार और शनिवार के दिन राम रक्षा स्त्रोत का हवन कराने और भोग के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।

इन मंदिर की मान्यता
धार्मिक मान्यका के अनुसार, जो भी व्यक्ति तलाई वाले बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करता है, उसके सभी कष्ट दूर होते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट\पति बराक ओबामा ने भी इस मंदिर में अनुष्ठान किया था। वहीं देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मंदिर में अनुष्ठान कर चुके हैं। इस मंदिर में दर्शन करने आने वाले जातकों की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

तलाई वाले बालाजी का मंदिर अपनी स्वयंभू मूर्ति के लिए फेमस है। माना जाता है कि इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति चमत्कारिक घटना से आई थी। यह मूर्ति करीब 7 फीट ऊंची है और इस मूर्ति में हनुमान जी को बैठे हुए मुद्रा में दर्शाया गया है।

तलाई वाले बालाजी का मंदिर अपनी भव्यता के लिए भी जाना जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन वास्तुकला के अनुसार किया गया है। मंदिर परिसर में अन्य कई देवी-देवताओं की भी प्रतिमाएं हैं। इन प्रतिमाओं में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, गणेश जी और भगवान शिव की मूर्ति शामिल है।

चोला चढ़ाने के लिए क्यों करना पड़ता है लंबा इंतजार
बता दें कि हिंदू धर्म में 22 साल का संबंध चक्र और धर्म से जुड़ा होता है। माना जाता है कि 22 साल बाद आत्मा का जीवन शुरू होता है। इसलिए 22 साल बाद तीर्थ स्थलों का दर्शन करने से व्यक्ति को पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही पिछले पापों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक जो भी जातक 22 साल बाद इस मंदिर में चोला चढ़ाता है, उसको प्रभु श्रीराम की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

 

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