कभी फैक्ट्री में नौकरी की, आज कोच की मदद करते हैं कार्तिकेय
कभी फैक्ट्री में नौकरी की, आज कोच की मदद करते हैं कार्तिकेय
मुंबई इंडियंस ने लगातार आठ हार के बाद आईपीएल 2022 (IPL 2022) में अपनी पहली जीत दर्ज की. उसे ये जीत मिली थी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ. इस मैच में मुंबई ने अच्छा खेला था और इसलिए जीत उसके हिस्से आई थी. इसी मैच में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की टीम से एक ऐसा खिलाड़ी निकला जिसे देखकर सब हैरान हो गए. इस खिलाड़ी का नाम है कुमार कार्तिकेय सिंह. कार्तिकेय (Kumar Kartikeya Singh) बाएं हाथ के स्पिनर हैं. उन्होंने राजस्थान के खिलाफ गेंदबाजी की और पता चला कि उनके पास बाएं हाथ से सभी गेंद फेंकने का हुनर है. मसलन, वह पारंपरिक रिस्ट स्पिन भी फेंक रहे थे और इसके साथ ही गुगली, फिंगर स्पिन, कैरम गेंद भी फेंकी. कार्तिकेय के इस हुनर ने सभी को हैरान कर दिया. कार्तिकेय के इस हुनर के बारे में और उनके सफर के बारे में उनके कोच संजय भारद्वाज ने वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो को तफ्सील से बताया है.
कार्तिकेय आज से 15 साल पहले भारद्वाज की अकादमी में गए थे और गौतम गंभीर, अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुके भारद्वाज ने इस खिलाड़ी का हर मुश्किल परिस्थिति में साथ दिया और आज ये हालत है कि कार्तिकेय रणजी ट्ऱॉफी भी खेल रहे हैं और आईपीएल भी. यूं तो कार्तिकेय कानपुर के हैं लेकिन वह क्रिकेटर बनने के लिए दिल्ली आए थे. उन्होंने अपने पिता से वादा किया था कि वह अपने परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं डालेंगे. दिल्ली में उनका दोस्त राधेश्याम रहता था जिनके साथ कार्तिकेय ने कई अकादमियों के दरवाजे खटखटाए लेकिन महंगी फीस ने उनके कदमों को आगे नहीं जाने दिया.
फैक्ट्री में की नौकरी
फिर राधेश्याम के साथ वह भारद्वाज के पास पुहंचे जिन्होंने उन्हें कोचिंग देने का मन बनाया. लेकिन रहने और खाने के लिए कार्तिकेय ने गाजियाबाद के पास में एक फैक्ट्री में नौकरी की. वहीं पर उन्हें कमरा मिल गया. वह रात में फैक्ट्री में काम करते और फिर सुबह कोचिंग को आते. उन पर पैसे नहीं थे और पेट भी भरना था. ऐसे में वह कई किलोमीटर पैदल चलते ताकि 10 रुपये बचाकर बिस्कुट खा सके और पेट को आराम दे सकें.भारद्वाज को जब पता चला कि वह इतनी दूर रह रहे हैं तो उन्होंने अपने कुक के साथ कार्तिकेय को रख दिया. यहां से कार्तिकेय ने सिर्फ क्रिकेट पर ही ध्यान दिया.
कार्तिकेय की ट्रायल को याद करते हुए भारद्वाज ने कहा, “उसका गेंदबाजी एक्शन काफी स्मूथ था. वह उंगलियों का बहुत अच्छे से इस्तेमाल करता था. मुझे उसकी यही खासियत भा गई.”
खाना मिला तो रो पड़ा
भारद्वाज की मेहरबानी से कार्तिकेय उनकी अकादमी में ही रह रहे थे. भारद्वाज ने उनके अकादमी ने रहने के पहले दिन का याद करते हुए कहा, “जब हमारे कुक ने कार्तिकेय को दोपहर का खाना दिया तो उसकी आंखों में से आंसू आ गए क्योंकि उसने एक साल से दोपहर का खाना नहीं खाया था.”
कोच ने ही पहुंचाया मध्य प्रदेश
यहां से उनका सफर शुरू हुआ जो दिल्ली की कई स्थानीय टूर्नामेंट में होकर मध्य प्रदेश की टीम तक पहुंचा. भारद्वाज ने ही अमित मिश्रा को हरियाणा भेजा था और वह जानते थे कि कार्तिकेय की प्रतिभा को दिल्ली में मुकाम नहीं मिलेगा और इसी कारण उन्होंने कार्तिकेय को मध्य प्रदेश भेज दिया. भारद्वाज ने कहा, “मैंने इसकी काबिलियत को देख लिया था और इसलिए शेहडोल क्रिकेट संघ के सचिव अपने दोस्त अजय द्विवेदी से कार्तिकेय के बारे में बात की. कार्तिकेय वहां गया और दो साल से डिविजन खेला.”
रिस्ट स्पिन को निखारा
कार्तिकेय ने 2018 में मध्य प्रदेश से रणजी ट्ऱॉफी डेब्यू किया. वह अब भोपाल में भारद्वाज के हॉस्टल में रह रहे थे. यहीं उन्होंने रिस्ट स्पिन को निखारना शुरू कर दिया. भारद्वाज ने कहा, “वह जब भी खाली रहता गेंदबाजी का अभ्यास करता. वह कई बार इंदौर से रात में भोपाल हॉस्टल में पहुंचता और रात में ही लाइट्स जला कर गेंदबाजी अभ्यास करता. उसके अंदर जुनून है जो पिछले नौ वर्षों में सिर्फ बढ़ा है.”