कर्तव्य पथ पर देश-दुनिया गीता के शाश्वत संदेश से रूबरू हुई
Republic Day 2023
गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा की झांकी ‘अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव’ बनी सबके आकर्षण का केंद्र
झांकी के माध्यम से हुए भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन
चंडीगढ़, 26 जनवरी - Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर आज हरियाणा की झांकी ने पूरी दुनिया को श्रीमद्भगवद्गीता के शाश्वत संदेश(Eternal Message of Srimad Bhagavad Gita) से रू-ब-रू करवाया। कर्तव्य पथ पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव थीम से जुडी झांकी के माध्यम से दर्शकों ने भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के भी दर्शन किये। कर्तव्य पथ पर जैसे ही हरियाणा की झांकी पहुंची दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ झांकी का स्वागत किया
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कुरुक्षेत्र को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। पवित्र नदी सरस्वती के तट पर वेदों और पुराणों की रचना हुई। महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध के मैदान में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का शाश्वत संदेश दिया, इसलिए कुरुक्षेत्र की पहचान गीता के जन्म स्थल के रूप में होती है। गीता की इसी प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसकी देश दुनिया तक पहचान दिलाने का आह्वान किया और इसी कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अगुआई में गीता स्थली को न केवल अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई अपितु विदेशों में भी गीता महोत्सव का आयोजन कर गीता के वैश्विक व प्रेरणादायक संदेश को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया ताकि दुनिया में शांति, सद्भाव तथा सार्वभौमिक भाईचारा आलोकित हो। गीता का संदेश मानवजाति के लिए सबसे बड़ी बौद्धिक देन है। कर्म का यह शाश्वत संदेश पुरी मानवता के लिए अनुकरणीय है।
झांकी में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप सहित अर्जुन को गीता का ज्ञान देने की मिली झलक
प्रवक्ता ने आगे बताया कि झांकी में भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया। झांकी के अग्रभाग में भगवान श्रीकृष्ण के ‘विराट स्वरूप‘ के दर्शन होते हैं, जैसा कि युद्ध भूमि पर उन्होंने अर्जुन के सामने प्रदर्शित किया था। विराट स्वरूप की प्रदर्शित प्रतिमा में श्री विष्णु के 9 सिर क्रमशः अग्नि, नृसिंह, गणेश, शिव, विष्णु, ब्रह्मा, अश्विनी कुमार, हनुमान और परशुराम दिखाए गए। दिव्य सर्प सिर ढके हुए और श्री विष्णु दाहिने हाथ में तलवार, त्रिशूल, कमल, सुदर्शन चक्र तथा बाएं हाथ में शंख, बरछा, धनुष, नाग, गदा आदि लिए हुए हैं। नीचे का पूरा भाग शेषनाग व लहरों को गोलाकार आकार दिया गया है। झांकी के अंतिम भाग में कुरुक्षेत्र युद्ध क्षेत्र में चार घोड़ों के साथ एक भव्य रथ का प्रदर्शन किया गया। कर्तव्य पथ पर हरियाणा की भव्य झांकी दशकों के दिलो-दिमाग पर अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रही
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