National Mathematics Day पर जानें भारत के उस मैथमेटिशियन के बारे में जिन्होंने गणितीय समीकरणों में ईश्वर की खोज की
National Mathematics Day Ramanujan: आज यानि 22 दिसंबर को National mathematics day मनाया जा रहा है, एक ऐसा सब्जेक्ट जिससे हर एक बच्चे को शिकायत रहती है। लेकिन भारत में ही मैथमेटिक्स को लेकर एक ऐसे प्रतिभावान व्यक्ति हुए जिन्होंने गणितीय समीकरणों में ईश्वर की भी खोज की। हम बात कर रहे हैं रामानुजन के बारे में। रामानुजन एक शिक्षित प्रतिभाशाली व्यक्ति थे जिन्हें हिंदू देवी नाम गिरी से 3900 सूत्र मिले थे, जो देवी महालक्ष्मी का एक रूप है। तो चलिए थोड़े विस्तार से जानते हैं रामानुजन के बारे में थे मैथमेटिशियन जिन्होंने भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए मिसाल छोड़ दी।
कौन थे रामानुजन ?
रामानुजन के बारे में जितनी जानकारी दी जाए वो कम ही होगी, क्योंकि उनकी तरह गणितज्ञ भारत में एक ही था। पाई को भिन्न मानने से लेकर कैंब्रिज में विभाजन पर एक प्राचीन गणितज्ञ की पहली को सुलझाने तक रामानुजन के प्रतिभा पहली बार 11 वर्ष की छोटी से उम्र में नजर आई, जब उन्होंने अपने घर पर रहने वाले दो कॉलेज के छात्रों के गणितीय ज्ञान को समाप्त कर दिया। 13 साल की उम्र तक उन्होंने एसएल लोनी के उन्नत त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली इस उम्र में उन्होंने अपने स्वयं के प्रमेय विकसित करना शुरू कर दिया था। 16 साल की उम्र में रामानुजन ने जीएस कर के सिनॉप्सिस आफ एलिमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड अप्लाइड मैथमेटिक्स में एक खजाना खोज जो 5000 प्रेमियों का संग्रह था। उन्होंने एक बार अपने गणितज्ञ दोस्त से कहा था कि मेरे लिए किसी समीकरण का कोई मतलब नहीं है जब तक कि वह ईश्वर के विचार को व्यक्त न करें।
देवी देवताओं से मिले है उपहार
रामानुजन की प्रेरणा की असली यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने एहसास हुआ कि उनकी अंतर्दृष्टि की गहराई को पूरी तरह से समझने में गणितज्ञों को कई पीढ़ियां लग जाएगी। हालांकि उन्होंने दावा किया कि उनके सबसे उल्लेखनीय परिणाम उन्हें हिंदू देवी नाम गिरी द्वारा सपनों में उपहार स्वरूप दिए गए थे। जनवरी 1913 में श्रीनिवास रामानुजन जो गणित के क्षेत्र में विश्व के सबसे महानतम विद्वानों में से एक बन चुके थे, उन्होंने कैंब्रिज के एक प्रोफेसर को एक पत्र में यह बात लिखी थी 100 साल से भी पहले रामानुजन ने गणित में जो उन्नत कार्य किया उसे आज भी लोग हैरान कर देते हैं उन्होंने खुद स्वीकार किया कि उन्हें हिंदू देवी नाम गिरी से 3900 सूत्र मिले थे जो देवी महालक्ष्मी का एक रूप है। प्रसिद्ध देवी विचारक और गणितज्ञ गैलीलियो जिन्हें दूरबीन मॉडल में सुधार करने के लिए जाना जाता है और जिन्हें इस विश्वास को बनाए रखने और उसका बचाव करने के लिए जेल जाना पड़ा कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है ने कहा था की गणित व भाषा है जिसमें ईश्वर ने ब्रह्मांड को लिखा है और रामानुजन इस बात पर पूरी तरह से विश्वास करते थे।