कालाष्टमी पर काल भैरव को इस तरह करें प्रसन्न, मिलेगा मनचाहा वर, देखें क्या है खास
- By Habib --
- Wednesday, 29 May, 2024
On Kalashtami, please Kaal Bhairav in this way
हिंदू धर्म में काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है। कालाष्टमी का पर्व भगवान भैरव को समर्पित है। यह त्योहार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी 30 मई को मनाई जाएगी।
इस दिन काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि आप भी काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन पूजा के दौरान काल भैरव अष्टक स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इससे पूजा सफल होगी और मनचाहा वर मिलेगा।
काल भैरव अष्टक
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं
दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं
काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
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