OMG! Rapido Data Breach Exposes Sensitive User Information

OMG! Rapido यूज़र्स का डेटा हुआ लीक, सुरक्षा पर बड़ा सवाल!

OMG! Rapido Data Breach Exposes Sensitive User Information

OMG! Rapido Data Breach Exposes Sensitive User Information

RAPIDO USERS DATA LEAKED: भारत के लोकप्रिय बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो में एक बड़े बग के कारण देशभर में हजारों उपयोगकर्ताओं और ड्राइवरों की संवेदनशील जानकारी लीक हो गई। इसमें पूरी नाम, फोन नंबर, ईमेल पते जैसी निजी जानकारी शामिल थी, जिससे गोपनीयता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह जानकारी बाहरी थर्ड-पार्टी सेवा के साथ गलत तरीके से साझा की जा रही थी।

1,800 से ज्यादा फीडबैक फॉर्म लीक हुए

RAPIDO के बग के कारण 1,800 से अधिक फीडबैक फॉर्म सार्वजनिक हो गए, जिनमें उपयोगकर्ताओं के Phone Number और ईमेल पते जैसे संवेदनशील विवरण थे। इसमें ड्राइवरों के संपर्क विवरण भी शामिल थे, जिससे सुरक्षा खतरे और बढ़ गए थे।

बग का खुलासा और सुरक्षा खतरे

यह बग भारतीय सुरक्षा शोधकर्ता रेंगनाथन पी. ने पाया। उन्होंने रैपिडो के फीडबैक फॉर्म में एक त्रुटि को देखा, जो गलती से संवेदनशील जानकारी को बाहरी सेवा के साथ साझा कर रहा था। इस डेटा लीक के परिणामस्वरूप साइबर अपराधी इसका उपयोग सोशल इंजीनियरिंग अटैक्स, फ़िशिंग स्कैम, और अन्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए कर सकते थे। इस मुद्दे ने डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता और अधिक बढ़ा दी है।

रैपिडो की प्रतिक्रिया और समाधान

रैपिडो ने इस समस्या का पता चलने पर तुरंत कार्रवाई की और लीक हुए पोर्टल को बंद कर दिया। हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने इस घटना को कम करके आंका और दावा किया कि लीक हुआ डेटा "गैर-व्यक्तिगत" था। प्रवक्ता ने इसे सर्वे लिंक के गलत उपयोग का परिणाम बताया, जिससे यह डेटा अनजाने में गलत उपयोगकर्ताओं तक पहुंच गया।

भारत में डेटा लीक की बढ़ती घटनाएं

यह घटना भारत में डेटा लीक के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है। हाल ही में मैकडॉनल्ड्स इंडिया में भी एक डेटा ब्रीच हुआ था, जिसमें ग्राहकों और डिलीवरी पार्टनरों का व्यक्तिगत डेटा लीक हुआ था। इन घटनाओं ने डिजिटल सेवाओं के बढ़ते उपयोग के साथ डेटा सुरक्षा के महत्व को और अधिक बढ़ा दिया है।

रैपिडो की इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि अब डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है, ताकि उपयोगकर्ताओं की जानकारी को साइबर अपराधियों से बचाया जा सके।