पंचकूला बॉर्डर पर पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सडक़ों पर उतरा जनसैलाब, पुलिस को छोडऩे पड़े आंसूगैस के गोले
Haryana OPS Protest
पंचकूला, 19 फरवरी। Haryana OPS Protest: हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme in Haryana) को लेकर रविवार को पंचकूला में जमकर बवाल हुआ। नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) से छुटकारा पाने को लंबे अरसे से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले विभागों के हजारों कर्मचारियों का गुस्सा(anger of thousands of workers) रविवार को पंचकूला में सरकार पर जमकर फूटा। स्कीम के खिलाफ सीएम का चंडीगढ़ स्थित अवास घेरने के लिए सडक़ों पर उतरे प्रदर्शनकारियों को देख प्रशासन(Administration) के हाथ-पांव भी फूल गए थे। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों(protesters) को तितर-बितर करने के लिए 12 बार आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन हर बार प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते जिन्हें पीछे धकेलने के लिए पुलिस उन पर पानी की बौछारें छोड़ती रही। यही सिलसिला समाचार लिखे जाने तक जारी रहा। इस प्रदर्शन में प्रदीप कुमार सिंचाई विभाग(Irrigation Department) से, हरिंदर मलिक, नवीन जयहिंद सहित महिलाओं को चोटें आई। घायल सिविल अस्पताल सेक्टर 6 में भी गए जहां उनका उपचार किया गया। वहीं, सीएम मनोहरलाल के ओएसडी भूपेेश्वर दयाल ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकत की। उन्होंने कहा कि कल विधानसभा सत्र खत्म होने बाद सीएम प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। सीएम से मुलाकात कराने का आश्वासन देने के बाद प्रदर्शनकारी वापिस लौटे।
कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली के बाद अब हरियाणा में भी ये मांग जोर पकडऩे लगी है। रविवार को पंचकूला में पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा संबंधित नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के संयुक्त बैनर तले प्रदेश भर से पंचकूला में सुबह से ही टीचरों, लेक्चरार, लिपिक, चतुर्थ व तृतीय श्रेणी कर्मचारी, जेबीटी समेत कई विभागों के कर्मचारियों ने लामबंद होना शुरू कर दिया। एक बार हालात विकट हो गये जब चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सडक़ों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे और चंडीगढ़ व पंचकूला पुलिस के बैरिकेड को तोडऩे की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने कर्मचारियों पर पानी की बौछारें छोड़ी, जिसमें नवीन जयहिंद समेत अन्य स्कूल अध्यापक, लेक्चरर, सिंचाई विभाग के कर्मचारी, महिलाओं को चोटें आई। प्रदर्शनकारी जब नहीं माने तो पुलिस को आंसू गैस के गोले दागे। कुछ देर के लिए उग्र हुआ माहौल शांत करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने स्थिति पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन उग्र हुए प्रदर्शनकारियों की पुलिस के तीखी बहस हुई। हार कर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
पड़ोसी राज्यों में पुरानी पेंशन लागू तो हरियाणा क्यों है चुप? / If old pension is implemented in neighboring states then why is Haryana silent?
उग्र प्रदर्शन से पहले दोपहर 1 बजे पंचकूला सेक्टर 5 स्थित शालीमार ग्राउंड में पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के बैनर तले प्रदेश के विभिन्न जिलों से अध्यापकों का पहुंचना जारी रहा। दोपहर 1 बजे तक ग्राउंड कर्मचारियों से खचाखच भर गया। समिति के अध्यक्ष विजेन्द्र धारीवाल और महासचिव ऋषी नैन ने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर चुका है। हिमाचल में कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए इसे बहाल करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था। उसी का नतीजा रहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार बदल गई। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का मुद्दा हरियाणा में भी दिनोंदिन गरमाता जा रहा है। पूरे प्रदेश में पौने दो लाख कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम का हिस्सा हैं, वे लंबे समय से इसका विरोध करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर हरियाणा सरकार द्वारा पुरानी पेंशन पर क्यों कार्यवाही नहीं की है, जबकि खुद सीएम सांसदों व विधायकों को पेंशन देकर उनका भविष्य ना सिर्फ सुरक्षित बल्कि कर्मचारियों का हक उन्हें देकर कर्मचारियों के लिए वित्तीय संकट खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले 21 जिलों में पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किए। उसके बाद उपायुक्तों के जरिये मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन भेजे। मगर उनकी मांग पर प्रदेश सरकार ने कुछ नहीं किया।
एनपीएस स्कीम के खिलाफ हुए कर्मचारी / employees against nps scheme
बलराम ने कहा कि एनपीएस किसी भी तरह से कर्मचारियों और प्रदेश के हित में नहीं है। एनपीएस में जबरदस्ती 10 फीसदी कर्मचारियों के वेतन और 14 फीसदी सरकारी खजाने से कुल 24 प्रतिशत राशि शेयर बाजार में लगाकर बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसमें ना तो निश्चित रिटर्न है और न ही निश्चित पेंशन का कोई प्रावधान है। इसके अलावा एनपीएस में महंगाई भत्ते और मेडिकल भत्ते की भी सुविधा नहीं है। इसको लेकर बजट सत्र शुरू सीएम आवास का घेराव कर अपना गुस्सा दिखाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड की तर्ज पर पुरानी पेंशन नीति को बहाल करनी चाहिए, अन्यथा प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी सरकार के खिलाफ आर-पार के संघर्ष के लिए तैयार है। इस अवसर पर हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन शाहबाद के ब्लॉक प्रधान प्रेम शर्मा धनपत राय वित्त सचिव पवन कुमार थानेसर ब्लॉक प्रधान प्रीतम राणा सीमा सैनी कविता सुनीता नयन इस्माइलाबाद से परमजीत कौर दिव्या बबीता शामिल रहीं।
मांगे नहीं मानी तो हिमाचल जैसा होगा हाल / If demands are not accepted then condition will be like Himachal
काफी समय से पुरानी पेंशन बहाली और एक्स ग्रेशिया पॉलिसी सहित पांच मांगों को लेकर विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारी सडक़ों पर उतरे। लेकिन सरकार मांगों को सिरे से नकारती आई है। मांग को लेकर गुस्साए कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो भाजपा को हराने का काम करेंगे और फिर भाजपा का हरियाणा में हिमाचल जैसा हाल होगा। भाजपा का कोई उम्मीदवार दूसरे नंबर पर भी नहीं आएगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को लेकर किसानों की मांग मानने से भी मना कर रही थी लेकिन अंत में माननी पड़ी। उन्होंने कहा कि किसानों की तरह वो भी सरकार को आंदोलन से झुकाने का काम करेंगे।
कई राज्यों ने बहाल की पेंशन / Many states restored pension
बता दें कि हिमाचल में नई कांग्रेस सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने जा रही हैं वहीं कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली हो चुकी है और कांग्रेस हर राज्य में ये मांग पूरी करने का वादा कर रही हैण् ऐसे में ये मांग हरियाणा में भी जोर पकड़ रही है, अब देखना होगा कि हरियाणा सरकार अपने कर्मचारियों की इस मांग व आंदोलन को कैसे देखती है।
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