pollution in yamuna river

ओह! यमुना की यह हालत, दिल्ली सरकार हुई बेबस, हरियाणा पर मढ़ दिया ऐसा आरोप

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एलजी ने हरियाणा सीएम खट्‌टर को लिखा है पत्र- जल्द बैठक बुलाने की मांग

Yamuna River pollution: नई दिल्ली. यमुना नदी में प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। देश की राजधानी से होकर बहती यमुना को साफ करने पर जितनी राजनीति होती है, उतनी शायद ही किसी अन्य नदी को लेकर होती हो। प्रत्येक वर्ष छठ पूजा पर इस नदी के जरिये राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमलावर हो जाते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते चुनाव में वादा किया था कि वे इस नदी में नहा कर दिखाएंगे, हालांकि उनकी पार्टी के नेता यह कारनामा दिखा चुके हैं। लेकिन यह दिखावे भर की कार्रवाई है, हकीकत यह है कि यमुना के पानी का आचमन तक नहीं किया जा सकता।  यमुना नदी में प्रदूषण का मामला अब फिर गर्मा चुका है। दिल्ली (Delhi LG urges khatter for meet) के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को लिखे पत्र के बाद यह मामला चर्चा में है। उपराज्यपाल ने खट्‌टर को लिखे पत्र में यमुना नदी में प्रदूषण का स्थायी समाधान खोजने के लिए दिल्ली और हरियाणा के बीच तत्काल बैठक बुलाने का आग्रह किया है।

 

यमुना के बारे में 

यमुना गंगा नदी की दूसरी सबसे बड़ी और सबसे लंबी सहायक नदी है। इसमें 1376 किलोमीटर का विस्तार है जो इसे पांचवीं सबसे बड़ी नदी बनाता है। भारत में यमुना न केवल एक नदी है, अपितु इसे देवी के रूप में भी पूजा जाता है। यमुना नदी गंगा में मिलने से पहले उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से होकर बहती है। यमुना करोड़ों लोगों की जीवन रेखा है और विभिन्न जलीय जीव इसमें पलते हैं। हालांकि दिल्ली और दूसरे राज्यों में इसके पानी के प्रदूषित होने से इन जलीय जीवों का जीवन संकट में है। गौरतलब है कि अकेले दिल्ली से यमुना में 80 फीसदी प्रदूषण हो रहा है। 

 

दिल्ली में क्यों दूषित हो रही यमुना

दिल्ली में यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित हो रही है। इसके लिए दिल्ली सरकार हरियाणा को जिम्मेदार ठहराती है। हालांकि हरियाणा के अपने तर्क हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से हरियाणा के सीएम को लिखे पत्र पर अभी हरियाणा की ओर से प्रतिक्रिया आनी बाकी है, लेकिन चाहे वह दिल्ली हो या हरियाणा या फिर अन्य राज्य, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी ही होगी कि यमुना में प्रदूषण बढ़ने के लिए कोई एक राज्य जिम्मेदार नहीं है। खुद दिल्ली सरकार को भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। दिल्ली में औद्योगिक कचरे और अनुपचारित सीवेज, अवैध रेत खनन, खराब अपशिष्ट प्रबंधन, छठ पूजा, गणेश उत्सव आदि धार्मिक समारोह के दौरान मूर्तियों का विसर्जन, पेड़ों की कटाई और अन्य गतिविधियों के कारण यमुना प्रदूषित हो रही है।

 

यमुना नदी का सांस्कृतिक, धार्मिक महत्व

यमुना को पुराणों में सूर्यतनया भी कहा गया है, यानी सूर्य की पुत्री। सूर्य की छाया और संज्ञा नामक दो पत्नियों से यमुना, यम, शनिदेव और वैवस्वत मनु का जन्म हुआ। इस प्रकार यमुना और शनिदेव और यमराज की बहन हैं। भाई दूज पर यमुना के दर्शन और मथुरा में स्नान का विशेष महत्व है। 

 

सरकारों की फाइलों में अटक गई यमुना की सफाई

दिल्ली के उपराज्यपाल के हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र से मालूम होता है कि इस संबंध में दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से पत्राचार जारी है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लिखा है कि सीवेज को नजफगढ़ नाले में छोड़े जाने से पहले के उपचार के लिए हरियाणा के सिंचाई विभाग द्वारा एसटीपी स्थापित करने के आश्वासन के बावजूद अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है, और इसलिए जल्द से जल्द बैठक बुलाई जानी आवश्यक है।

 

एनजीटी के आदेश पर बनी है कमेटी

गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना नेशनल ग्रील ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी की ओर से 9 जनवरी को जारी किए आदेश के बाद बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष हैं। इस कमेटी को यमुना नदी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। एनजीटी ने उपराज्यपाल को इस संबंध में टाइमलाइन तय करने और नदी में बह रहे पानी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और प्रदूषण की रोकथाम के लिए समयबद्ध तरीके से काम करने को कहा है।

 

सीएम खट्‌टर से फोन पर हो चुकी बात

2 फरवरी को लिखे गए पत्र में उपराज्यपाल ने पालम विहार ड्रेन (एल1), धर्मपुर ड्रेन (एल2), और बादशाहपुर ड्रेन (एल3) के उपचार के मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ टेलीफोन पर अपनी पिछली चर्चाओं का उल्लेख किया है, जिसमें गाद, अनुपचारित सीवेज और हरियाणा से नजफगढ़ नाले में औद्योगिक कचरा बहाए जाने का जिक्र किया गया था। दोनों राज्यों - दिल्ली और हरियाणा की ओर से सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करते हुए एलजी ने पत्र में कहा है कि नजफगढ़ नाले से यमुना में जहरीले निर्वहन से न केवल दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश को भी प्रभावित करता है।

 

उपराज्यपाल ने शाह के समक्ष भी उठाया था मुद्दा

इससे पहले, एलजी ने 9 जुलाई, 2022 को जयपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में यमुना प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा की थी। इसके बाद 26 जुलाई को केंद्रीय गृह सचिव द्वारा एक अनुवर्ती बैठक भी बुलाई गई थी। 2022 में हरियाणा सिंचाई विभाग के विज्ञापन में नजफगढ़ नाले में निर्वहन से पहले सीवेज के 100 प्रतिशत उपचार को सुनिश्चित करने के लिए एसटीपी स्थापित करने का आश्वासन दिया गया था। एक रिपोर्ट के हवाले से सामने आया है कि नजफगढ़ नाला यमुना नदी में 40 फीसदी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। इस नाले में हरियाणा के कई फीडर नालों से 36 फीसदी सीवेज गिरता है। अगर हरियाणा की ओर से गिरने वाले सीवेज को रोक लिया जाए तो यमुना में प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है।