पीयू छात्र संघ चुनाव : चुनाव प्रचार के दौरान एनएसयूआई और सोपू समर्थक आये आमने-सामने

पीयू छात्र संघ चुनाव : चुनाव प्रचार के दौरान एनएसयूआई और सोपू समर्थक आये आमने-सामने

PU Students Union Elections

PU Students Union Elections

चंडीगढ़, 31 अगस्त: PU Students Union Elections: पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (पीयूसीएससी) को लेकर साउथ कैंपस स्थित यूआईईटी में एनएसयूआई के राहुल नैन, पारस पराशर, यश कपासिया और रोहित शर्मा की टीम का सोपू के जश्नप्रीत सिंह और एनएसयूआई के बागी सिकंदर बूरा के स्टूडेंट फ्रंट के नाम से प्रधानी का चुनाव लड़ रहे अनुराग दलाल के समर्थकों के साथ आमना-सामना हो गया। दोनों से काफी देर तक नारेबाजी होती रही। इस नारेबाजी और जोर-आजमाइश के बाद यूआईईटी में एक बार तो स्थिति तनावपूर्ण हो गयी मगर पुलिस और सिक्योरिटी व छात्र नेताओं की समझ-बूझ से संभावित टकराव को होने से बचा लिया गया। बाद में वोटों को लेकर यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट आफ लीगल स्टडीज में भी काफी गहमागहमी रही। घंटो तक छात्र संगठन अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी करते रहे।

विद्यार्थी परिषद का सेंट्रल पैनल कोड 3132 जारी

पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में कौंसिल की चारों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सेंट्रल पैनल कोड 3132 जारी किया है। यानी बैलेट पेपर पर प्रधान प्रत्याशी अर्पिता मलिक तीसरे नंबर पर है, उप-प्रधान के लिये खड़े अभिषेक कपूर पहले पर, सचिव का चुनाव लड़ रहे शिवनंदन रिखी तीसरे और संयुक्त सचिव के पद पर चुनौती दे रहे जस्सी राणा तीसरे नंबर पर हैं। छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु इस बार विद्यार्थी परिषद ने अर्पिता मलिक को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। विद्यार्थी परिषद ने लंबे समय से छात्र संघ चुनावों में छात्राओं को आरक्षण देने की मांग उठा रही है। कैंपस में 65 फीसदी विद्यार्थी लड़कियां हैं, जिससे छात्र संघ में भी छात्राओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। पिछले दिन से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपने पैनल कोड 3132 को छात्रों के बीच पहुंचा कर वोट की अपील कर रहे हैं। पार्टी का दावा है कि इस बार विश्वविद्यालय के छात्र विद्यार्थी परिषद में अपनी नई उम्मीद खोज रहें हैं। जहां अन्य छात्र संगठनों द्वारा केवल चुनाव जीतने के लिए साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग कर गठबंधन किए जा रहे हैं, झूठे घोषणापत्रों का लालच छात्रों को दिया जाता है, वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लगभग 7,000 से भी अधिक छात्रों से मिलकर विश्वविद्यालय की असली समस्याओं को समेट कर अपने घोषणापत्र में शामिल किया है। इकाई अध्यक्ष परविंदर नेगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सभी छात्रों से अपील करते हैं कि वे 5 सितंबर के दिन 3132 कोड पर अपना मत देकर विद्यार्थी परिषद को जीत दिलवाएं और पंजाब विश्वविद्यालय को दलगत राजनीति से मुक्ति दिलाने में विद्यार्थी परिषद का साथ दें।

सीवाईएसएस 6443 तो एनएसयूआई का 7226 है कोड

सीवाईएसएस ने भी यूएसओ, इनसो और एचपीएसयू के साथ मिलकर अपना पैनल बनाया है। उनका प्रधान प्रिंस चौधरी बैलेट में छठे नंबर पर है, उप-प्रधान के उम्मीदवारकरण भट्टी चौथे, इनसो के विनीत यादव भी चौथे और एचपीएसयू के रोहित शर्मा तीसरे नंबर पर अंकित हैं, जिससे उनका पैनल कोड 6443 बनता है। इसी तरह से एनएसयूआई के पैनल कोड में प्रधान पद के उम्मीदवार राहुल नैन सातवें नंबर पर हैं, उप-प्रधान अच्रित गर्ग दूसरे और सचिव पारस पराशर भी दूसरे नंबर पर जबकि संयुक्त सचिव के लिये खड़े यश कपासियाछठे नंबर पर हैं जिससे इनका कोड 7226 बनता है। इसी तरह से एनएसयूआई के बागी सिकंदर बूरा के उम्मीदावर स्टूडेंट फ्रंट के बैनर तले खड़े अनुराग दलाल बैलेट पेपर में दूसरे नंबर पर जबकि सोपू के जश्नप्रीत सचिव के लिये पहले नंबर पर हैं। अंबेडकर स्टूडेंट फोरम की ओर से प्रधान पद की उम्मीदावर अलका बैलेट पेपर में पहले नंबर हैं जबकि सोई के तरुण सिद्धू नौवें नंबर हैं।

कैंपस में छायी रही वीरानगी

पूरे दिन सभी छात्र संगठन आज अपने-अपने स्तर पर रणनीतियां बनाने में जुटे रहे। शनिवार की छुट्टी कैंसिल कर प्रशासन ने आज वर्किग डे घोषित कर रखा था मगर कहीं पर भी वर्किंग डे जैसी कोई बात देखने को नहीं मिली। कैंपस में एक तरह की वीरानगी सी पसरी थी। प्र्रशासनिक ब्लॉक सहित सभी टीचिंग विभागों में भी कोई खास चहल-पहल नहीं थी। हालांकि कुछ विभागों में छात्रों का अच्छा-खासा जमावड़ा देखने को मिला। डीएसडब्ल्यू आफिस अवश्य अति व्यस्त नजर आया और विभागवार वोटरों की लिस्ट तैयार करने में जुटा रहा। कुल 59 विभाग ऐसे हैं जहां पर 100 से कम छात्र हैं वहीं पर डीआर के लिये कोई चुनाव नहीं होगा। कुछ विभागों में डीआर निर्विरोध चुन लिये गये हैं। डीएसडब्ल्यू प्रो. अमित चौहान के मार्गदर्शन के लिये प्रो. इमानुअल नाहर आफिस आये हुए थे और उन्हें काफी देर तक चुनाव के संबंध में टिप्स देते दिखे।

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