स्किल डेवलपमेंट की महंगी पढ़ाई के लिये अब मिलेगा 7.5 लाख का लोन, सरकार देगी गारंटी
Studies of Skill Development
नई दिल्ली। Studies of Skill Development: नौ वर्ष से अलग-अलग बंदिशों में जकड़कर किए जा रहे कौशल विकास के प्रयासों के लिए अब जाकर सरकार ने नए सिरे से दिल और दायरा बढ़ाया है। रोजगार के लिए जिस तरह के कौशल पाठ्यक्रमों की आवश्यकता तकनीक के नए दौर में है, वह डेढ़ लाख रुपये में नहीं किए जा सकते।
कमजोर वर्ग के युवाओं की इस व्यावहारिक परेशानी और कौशल ऋण योजना की खामी को समझते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने अब ऋण सीमा को 7.5 लाख रुपये तक करते हुए मॉडल स्किल लोन स्कीम शुरू की है। इतना ऋण देने में बैंक भी संकोच न करें, इसलिए 70 से 75 प्रतिशत ऋण राशि पर गारंटी की जिम्मेदारी भी सरकार ने खुद ले ली है, ताकि छात्र कौशल विकास के महंगे पाठ्यक्रम कर रोजगार पा सकें।
पहले स्कीम में थीं कई दिक्कतें
इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मॉडल स्किल लोन स्कीम की घोषणा की। उसके दो दिन बाद ही गुरुवार को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री जयन्त चौधरी ने कौशल भवन में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना को लांच कर दिया। कौशल ऋण की योजना तो वर्ष 2015 से चल रही थी, लेकिन उसमें तमाम व्यावहारिक परेशानियां थीं। अव्वल तो अधिकतम ऋण सीमा मात्र 1.5 लाख रुपये थी। यह ऋण भी सिर्फ उन्हीं पाठ्यक्रमों के लिए मिल सकता था, जो नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क में शामिल हों।
ऋण बांटने का अधिकार भी सिर्फ बैंकों को दिया गया था। यही कारण है कि नौ वर्ष में मात्र 10,077 युवाओं को कुल 115.75 करोड़ ऋण बांटा जा सका। बहरहाल, अब जाकर योजना में संशोधन किया गया है और ऋण सीमा को बढ़ाकर अधिकतम 7.5 लाख रुपये तक कर दिया गया है। इसमें चार लाख रुपये लोन तक 75 प्रतिशत और चार से 7.5 लाख रुपये तक लोन पर सरकार द्वारा गारंटी दी जाएगी। ऋणदाताओं की श्रेणी में बैंकों के साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को भी शामिल किया गया है।