Nova Kakhovka Dam Collapse: यूक्रेन में 'नोवा कखोवका' बांध के टूटने से भारी तबाही, देखें Video
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Nova Kakhovka Dam Collapse: मंगलवार को दक्षिणी यूक्रेन में रूसी और यूक्रेनी सेना को अलग करने वाली निप्रो नदी पर एक विशाल बांध के माध्यम से पानी की एक धारा फूट पड़ी, जिससे युद्ध क्षेत्र में बाढ़ आ गई, जिससे ग्रामीणों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा और दोनों तरफ से उंगली उठानी पड़ी। इस दौरान लगभग 42,000 लोगों के लिए बड़े पैमाने पर निकासी प्रक्रिया शुरू हुई जो बाढ़ से खतरे में थे। जैसा कि यूक्रेन ने मॉस्को की सेना पर "इकोसाइड" का कार्य करने का आरोप लगाया, संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख ने "गंभीर और दूरगामी परिणाम" की चेतावनी दी।
यूक्रेन में कखोवका बांध क्या है?
कखोव्का बांध, जिसे कखोवका हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन के रूप में भी जाना जाता है, यूक्रेन में नीप्रो नदी पर स्थित एक प्रमुख बांध और हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन है। यह दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र में कखोवका शहर के पास स्थित है।
67 साल पुराना बांध किया तबाह
बांध की सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें डैम के टूटने से होने वाली तबाही को साफ़ देखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांध टूटने के कुछ घंटों के भीतर ही आसपास का एक बड़े इलाक़ा पूरी तरह जलमग्न हो गया और वहां कई मीटर पानी भर गया। यह डैम 1956 में यानी सोवियत एरा में बनाया गया था। करीब 30 मीटर ऊंचा और 3.2 किलोमीटर लंबे इस बांध को डेनिप्रो रिवर में बनाया गया था और ये यूक्रेन के सबसे बड़े बांधों में एक है। ये बांध कितना बड़ा है, इसे आप इसी से समझ सकते हैं कि इसमें अमेरिका के यूटा प्रांत में मौजूद द ग्रेट सॉल्ट लेक के बराबर पानी आ सकता है।
दोनों देशों ने एक दूसरे पर लगाया आरोप
रूस और यूक्रेन दोनों ने एक दूसरे पर बांध को नष्ट करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। यह बांध दक्षिणी यूक्रेन में है जिस पर अभी रूसी सेना का कब्जा है। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि बांध के टूटने से हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में आ गई है। बांध टूटने के बाद नीचे वाले इलाके में भीषण बाढ़ आ सकती है और यूक्रेन का अधिकांश हिस्सा तबाह हो सकता है। इस संबंध में चेतावनी जारी कर दी गई है बांध के टूटने के बाद अब यूक्रेन के हजारों लोगों को बचाना एक बड़ी चुनौती है। बांध के ध्वस्त होने के बाद निप्रो नदी के क्षेत्र वाले निवासियों को इलाका खाली करने के लिए कहा गया है।
करीब 80 गांवों में बाढ़ का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार काखोवका बांध के तबाह होने से यूक्रेन के करीब 80 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बांध के टूटने से इसका पानी अब जंग के मैदान तक पहुंच गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए आस-पास के गांवों को खाली कराने की कवायद शुरू हो चुकी है।
ज़ेलेन्स्की ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
काखोवका बांध के तबाह होने से खतरे की आशंका को देखते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर मामले की गंभीरता और इससे निपटने के उपायों पर बातचीत की।